जम्मू कश्मीरदेश-विदेशपहलगाम में हुए आतंकी हमले

पाकिस्तान के आर्मी चीफ और पीएम शहबाज ने जेल में बंद इमरान खान से मांगी मदद, क्या बना रहे प्लान?

पाकिस्तान में मौजूदा हालात राजनीतिक समीकरणों के नाटकीय बदलाव की ओर इशारा कर रहे हैं.

By लाले विश्वकर्मा 

पाकिस्तान में मौजूदा हालात राजनीतिक समीकरणों के नाटकीय बदलाव की ओर इशारा कर रहे हैं. भारत के साथ पहलगाम आतंकी हमले के बाद बढ़ते तनाव और संभावित सैन्य प्रतिक्रिया के बीच पाक आर्मी चीफ आसिम मुनीर और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान से मदद मांगी है.

सूत्रों के अनुसार चार पूर्व सैन्य अधिकारियों को इमरान खान के पास भेजा गया है

ताकि वह PTI को आसिम मुनीर के खिलाफ विरोध बंद करने और सिंध में प्रदर्शन थामने के लिए राजी करें. साल 2019 में पुलवामा हमले के बाद, तत्कालीन पीएम इमरान खान ने ISI चीफ आसिम मुनीर को कार्यकाल समाप्त होने से पहले हटा दिया था. यह ISI के इतिहास में पहली बार हुआ था. इसके बाद से आसिम मुनीर और इमरान खान के बीच संबंध बेहद तनावपूर्ण हो गए थे. माना जाता है कि इसी दुश्मनी के चलते आसिम मुनीर ने इमरान को जेल भिजवाने की रणनीति बनाई थी. अब वही आसिम मुनीर, इमरान खान से मदद मांगने पर मजबूर हैं.

सियासी समीकरण में बदलाव के संकेत

पहलगाम हमले के बाद भारत की तरफ से सख्त राजनीतिक और सैन्य संकेतों ने पाकिस्तान की आंतरिक राजनीति में हलचल मचा दी है. सिंध, कराची और लाहौर जैसे इलाकों में सायरन सिस्टम, बंकर निर्माण और रेड अलर्ट ने जनता में भय पैदा कर दिया है. पाकिस्तान सरकार को अंदेशा है कि देश के भीतर ही विद्रोह भड़क सकता है, खासकर उन्हें PTI समर्थकों और सिंध के आंदोलनों से डर है. इसलिए आसिम मुनीर और शहबाज शरीफ ने इमरान खान को साधने का रास्ता चुना है, जिससे देश में जारी विरोध को शांत किया जा सके.

पाकिस्तान को भारत का खौफ

जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया है. सरकार ने सिंधु जल संधि को रद्द कर दिया. इसके बाद से पाकिस्तानी नेता लगातार बयानबाजी भी कर रहे हैं. उन्हें इसका डर सता रहा है कि भारत कभी भी उनपर हमला कर सकता है.

सोनू विश्वकर्मा

लाले विश्वकर्मा, "गूँज सिंगरौली की" डिजिटल न्यूज़ पोर्टल के प्रधान संपादक और संस्थापक सदस्य हैं। उन्हें पत्रकारिता के क्षेत्र में कई वर्षों का अनुभव है और वे निष्पक्ष एवं जनसेवा भाव से समाचार प्रस्तुत करने के लिए जाने जाते हैं।

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