DM की कार्रवाई से हड़कंप 3 कर्मचारी बर्खास्त, 1 से छीना जिम्मेदारी जानिए क्या है पूरा मामला
हापुड़:जनपद का एक महकमा इन दिनों चर्चा में हैं. दरअसल, इस महकमे के बाहर मंगलवार को 70 हजार रुपए की घूस लेते दो कर्मचारियों को विजिलेंस ने रंगे हाथ पकड़ा था.

By लाले विश्वकर्मा
हापुड़:जनपद का एक महकमा इन दिनों चर्चा में हैं. दरअसल, इस महकमे के बाहर मंगलवार को 70 हजार रुपए की घूस लेते दो कर्मचारियों को विजिलेंस ने रंगे हाथ पकड़ा था. इसके बाद डीएम इस महकमे के भ्रष्टाचार को लेकर काफी नाराज हो गए थे. शिकायतों और जांच के बाद अब इस महकमे में डीएम का एक्शन सामने आया है.
डीएम ने महकमे के तीन संविदा कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है
और 1 कर्मचारी से चार्ज छीन लिया है. डीएम की अचानक हुई कार्रवाई से महकमे में हडकंप मच गया है. विजिलेंस ने घूस लेते दो कर्मचारी गिरफ्तार किए थेःजनपद के बीएसए कार्यालय के बाहर एंटी करप्शन टीम ने मंगलवार को दो कर्मचारियों को 70 हजार रुपए की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया था. इसके बाद इन दोनों कर्मचारियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया गया था. अचानक भ्रष्टाचार को लेकर महकमे का नाम चर्चा में आ गया. इसके बाद ही डीएम ने महकमे को लेकर सख्ती शुरू कर दी.
शुक्रवार को अचानक दफ्तर पहुंचेः
डीएम अभिषेक पाण्डेय शुक्रवार को बीएसए कार्यालय अचानक निरीक्षण पर पहुंचे. यहां उन्होंने कई कागजों की जांच की और कर्मचारियों से पूछताछ की. इसके बाद उनका एक्शन सामने आया. डीएम ने लिया यह एक्शनःडीएम अभिषेक पांडेय ने बताया कि बीएसए कार्यालय में तैनात सहायक लेखाकार कपिल और निखिल को कर्मचारी आचरण नियमावली का उल्लंघन कर भ्रष्टाचार करने के आरोप में बर्खास्त किया गया है. डीसी निर्माण विशाल की चयन प्रक्रिया में अनियमितताएं और उनके खिलाफ कई शिकायतें मिलने के बाद उन्हें बर्खास्त कर दिया है. वहीं, बीओ मुख्यालय योगेश गुप्ता से सभी चार्ज ले लिए गए हैं. उन्हें जनपद से कार्यमुक्त करने के लिए शासन से पत्राचार शुरू कर दिया गया है.
शिक्षक संघ ने मुलाकात कर उठाई मांगेंः
वहीं, डीएम अभिषेक पाण्डेय से शिक्षक संघ से हाल ही में हुई मुलाकात में अवकाश आवेदनों के निस्तारण, ऑनलाइन अवकाश प्रक्रिया, और स्कूलों के निरीक्षण के मानकों जैसे मुद्दे को लेकर मुलाकात की. डीएम ने बताया कि स्कूलों में निर्माण कार्यों के लिए आवंटित धनराशि का शत-प्रतिशत उपयोग और गुणवत्तापूर्ण निर्माण सुनिश्चित करने के लिए भी एसओपी बनाई गई है. शिक्षकों के जीपीएफ लोन से संबंधित प्रकरणों को 15 दिनों में निपटाने और स्कूल मान्यता की प्रक्रिया को शासनादेश के अनुसार समयबद्ध करने के निर्देश दिए गए हैं.
इसके अलावा, शिक्षकों की समस्याओं के समाधान के लिए प्रत्येक गुरुवार को डीएम कार्यालय में एक घंटे का समय निर्धारित किया गया है. लंबित वेतन और जांच मामलों को 15 दिनों में निपटाने, मेहनती शिक्षकों को प्रोत्साहित करने, और अनुपस्थित शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश भी दिए गए हैं.