Singrauli News – नगर परिषद बरगवां की लापरवाही लोगों पर पड़ी भारी पहली बारिश में ही नालियां हुई चोक, घरों के अंदर घुस रहा पानी; लोग हो रहे परेशान
नगर परिषद बरगवां भ्रष्टाचार का गढ़, जिले में नगर परिषद बरगवां बनने के बाद लोगों को उम्मीद थी कि उनकी बुनियादी समस्याओं का समाधान होगा और क्षेत्र का विकास होगा

By जिला ब्यूरो -राज कुमार कुशवाहा
नगर परिषद बरगवां भ्रष्टाचार का गढ़, जिले में नगर परिषद बरगवां बनने के बाद लोगों को उम्मीद थी कि उनकी बुनियादी समस्याओं का समाधान होगा और क्षेत्र का विकास होगा। लेकिन इसके उलट, नगर परिषद में व्याप्त अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के कारण लोगों की उम्मीदों पर पानी फिर गया।
पहली बारिश ने ही खोली दी नगर परिषद के दावों की पोल
नगर परिषद बरगवां की ओर से बड़े पैमाने पर सफाई अभियान चलाने का दावा किया गया था और नगर परिषद वह अन्य अधिकारियों ने स्वयं निगरानी करने की बात कही थी। मगर हकीकत यह है कि आज पहली बारिश के साथ ही नगर परिषद के तैयारियों की सारी परतें खुलकर सामने आ गईं।
सफाई व्यवस्था को लेकर आए दिन होने वाली नौटंकियों की थोड़ी सी बारिश ने पोल खोल कर रख दी
नालियों की सफाई व्यवस्था की सच्चाई चीख चीख़कर बताया।नगर में मानसून की आगमन के साथ ही जनता को आफतों का सामना करना पड़ रहा है।शहर के वार्डो के कई मोहल्ले जलमग्न हो गए, नालियां ओवरफ्लो हो गईं और शहर का गंदा पानी लोगों के घरों में घुस गया जिससे जनजीवन पूरी तरह से अस्तव्यस्त हो गया है। बारिश में मुख्य बाजार तालाब बन गई, तो अब आप इससे सहज ही अंदाजा लगा सकते हैं कि गली मोहल्लों का क्या हाल हुआ होगा।
विचारणीय प्रश्न यह है कि शहर में हर साल मानसून के समय यही हाल होता है तो सोचने की जरूरत है कि स्थानीय नेताओं व क्षेत्रीय नजप्रतिनिधियों द्वारा विकास का दावा किस आधार पर किया जा रहा है…? नालों की सफाई, जलनिकासी की पुख्ता व्यवस्था और शहरी योजना में पारदर्शिता के बिना ऐसी त्रासदियों की पुनरावृत्ति को रोकना मुश्किल है।
जनता की समस्याएं और अधिकारियों की लापरवाही
आम जनता की शिकायतें भी नगर परिषद बरगवां के प्रति बढ़ती जा रही हैं। क्षेत्र में सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है। कई वार्डों में गंदगी के ढेर और जलभराव की समस्या आम है। लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों का रवैया उदासीन बना हुआ
जनता में नाराजगी
नगर परिषद बरगवां की लापरवाही और भ्रष्टाचार के कारण जनता में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। यदि जल्द ही समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो इसका प्रभाव आगामी चुनावों में देखने को मिल सकता है।