भारत का साफ संदेश: POK पर बात, कश्मीर पर नहीं दुनिया को दो टूक जवाब, अपने काम से काम रखें
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कश्मीर पर मध्यस्थता की इच्छा जताई है, लेकिन भारत सरकार ने साफ कर दिया है कि कश्मीर पर किसी तीसरे देश की मध्यस्थता मंजूर नहीं.

By जिला कार्यालय
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कश्मीर पर मध्यस्थता की इच्छा जताई है, लेकिन भारत सरकार ने साफ कर दिया है कि कश्मीर पर किसी तीसरे देश की मध्यस्थता मंजूर नहीं. विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, भारत ने पूरी दुनिया को बता दिया है कि कश्मीर का मसला सिर्फ इसी आधार पर अटका हुआ है कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) की वापसी होनी चाहिए
. यह मसला द्विपक्षीय है. हम पाकिस्तान से सिर्फ पीओके की वापसी पर बात करेंगे. किसी तीसरे देश का हस्तक्षेप हमें नामंजूर है.
सरकारी सूत्रों के हवाले से विदेश मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि भारत कश्मीर पर किसी तीसरे देश की कोई मध्यस्थता नहीं चाहता. विदेश मंत्रालय के शीर्ष सूत्रों के अनुसार, भारत की कश्मीर पर नीति बेहद साफ है. कश्मीर पर अब कोई विवाद नहीं बचा है. केवल एक ही मुद्दा शेष है. पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) की वापसी. हम पाकिस्तान से सिर्फ इसी विषय पर बात करेंगे. हाल ही में अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बयान में कहा कि वे कश्मीर मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करना चाहेंगे. हालांकि, भारतीय सरकार ने तुरंत स्पष्ट कर दिया कि कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है और इसमें किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं हो सकती.
भारत का रुख क्यों है इतना सख्त?
कश्मीर पूरी तरह भारत का हिस्सा है. 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से जम्मू-कश्मीर अब भारत के संविधान के अनुसार पूरी तरह एकीकृत हो चुका है. सिर्फ पीओके बचा है. भारत अब सिर्फ इस पर केंद्रित है कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर भारत में वापिस आए.
कश्मीर नहीं, सिर्फ POK की वापसी पर होगी बात, भारत ने दुनिया को दिया साफ संदेश, ‘अपने काम से काम रखें’
डोनाल्ड ट्रंप ने कश्मीर पर मध्यस्थता की इच्छा जताई, लेकिन भारत ने इसे ठुकरा दिया है. भारत ने स्पष्ट किया कि कश्मीर पर कोई तीसरा देश हस्तक्षेप नहीं कर सकता और केवल पीओके की वापसी पर ही बात होगी. कश्मीर नहीं, सिर्फ POK की वापसी पर होगी बात, भारत ने दुनिया को दिया साफ संदेश जयशंकर की सुरक्षा में चूक परपाकिस्तान को भारत के पलटवार का खौफ, जयशंकर की कूटनीतिक चालें तेज विदेश मंत्रालय ने ब्रिटिश उच्चायोग को तलब किया.
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भारत ने कश्मीर पर तीसरे देश की मध्यस्थता ठुकराई.
भारत सिर्फ POK की वापसी पर पाकिस्तान से बात करेगा. कश्मीर भारत का आंतरिक मामला, किसी तीसरे पक्ष की भूमिका नहीं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कश्मीर पर मध्यस्थता की इच्छा जताई है, लेकिन भारत सरकार ने साफ कर दिया है कि कश्मीर पर किसी तीसरे देश की मध्यस्थता मंजूर नहीं. विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, भारत ने पूरी दुनिया को बता दिया है कि कश्मीर का मसला सिर्फ इसी आधार पर अटका हुआ है कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) की वापसी होनी चाहिए. यह मसला द्विपक्षीय है. हम पाकिस्तान से सिर्फ पीओके की वापसी पर बात करेंगे. किसी तीसरे देश का हस्तक्षेप हमें नामंजूर है.
सरकारी सूत्रों के हवाले से विदेश मंत्रालय ने साफ कर दिया है
कि भारत कश्मीर पर किसी तीसरे देश की कोई मध्यस्थता नहीं चाहता. विदेश मंत्रालय के शीर्ष सूत्रों के अनुसार, भारत की कश्मीर पर नीति बेहद साफ है. कश्मीर पर अब कोई विवाद नहीं बचा है. केवल एक ही मुद्दा शेष है. पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) की वापसी. हम पाकिस्तान से सिर्फ इसी विषय पर बात करेंगे. हाल ही में अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बयान में कहा कि वे कश्मीर मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करना चाहेंगे. हालांकि, भारतीय सरकार ने तुरंत स्पष्ट कर दिया कि कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है और इसमें किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं हो सकती.
भारत का रुख क्यों है इतना सख्त?
कश्मीर पूरी तरह भारत का हिस्सा है. 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से जम्मू-कश्मीर अब भारत के संविधान के अनुसार पूरी तरह एकीकृत हो चुका है. सिर्फ पीओके बचा है. भारत अब सिर्फ इस पर केंद्रित है कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर भारत में वापिस आए.
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