सिद्धी खुर्द पीडीएस दुकान में घटतौली का मामला उजागर, कोटेदार पर 1500 किलो अनाज की कालाबाजारी का आरोप
प्रशासन की चुप्पी पर भी उठे सवाल...

- सिद्धी खुर्द पीडीएस दुकान में घटतौली का मामला उजागर, कोटेदार पर 1500 किलो अनाज की कालाबाजारी का आरोप
सिद्धी खुर्द, [जिला नाम] | 3 जुलाई 2025:
सिंगरौली जिले के ग्राम सिद्धी खुर्द की सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) दुकान पर कोटेदार द्वारा अनाज में घटतौली किए जाने का गंभीर मामला सामने आया है। ग्रामवासियों ने कोटेदार संतोष बैस पर हर माह प्रति हितग्राही एक किलो अनाज कम देने का आरोप लगाया है। ग्रामीणों का कहना है कि इस तरह की कटौती से वह हर महीने करीब 1500 किलो अनाज की कालाबाजारी कर रहा है।
हितग्राहियों के अनुसार, एक राशन कार्ड पर छह सदस्यों को लाभ मिलना चाहिए, लेकिन कोटेदार केवल पांच लोगों का राशन देता है। कई मामलों में तो सीधे-सादे ग्रामीणों से अंगूठा लगवाकर उन्हें अनाज ही नहीं दिया जाता। जून माह में वितरित तीन महीने के राशन में भी भारी अनियमितता की शिकायतें मिली हैं। एक हितग्राही ने बताया कि अप्रैल, मई और जून के लिए उनके परिवार को 90 किलो अनाज मिलना था, लेकिन केवल 70 किलो ही दिया गया।बताया जा रहा है कि इस पीडीएस दुकान से करीब 1500 हितग्राही जुड़े हुए हैं। यदि हितग्राहियों के आरोप सही हैं, तो यह हर माह सैकड़ों क्विंटल अनाज की कालाबाजारी का गंभीर मामला बनता है।ग्रामवासियों ने जिला प्रशासन और खाद्य आपूर्ति विभाग से मांग की है कि कोटेदार की जांच कर सख्त कार्रवाई की जाए और यदि दोषी पाया जाए तो उसे हटाकर किसी ईमानदार व्यक्ति को दुकान की जिम्मेदारी सौंपी जाए।
प्रशासन की चुप्पी पर भी उठे सवाल
इतनी गंभीर शिकायतों के बावजूद संबंधित विभाग की ओर से अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। इससे ग्रामीणों में आक्रोश है और वे अब आंदोलन की तैयारी में हैं।
ग्रामीणों की मांग:
कोटेदार संतोष बैस की तत्काल जांच हो
घटतौली की जांच कर पीड़ितों को उचित मात्रा में अनाज दिलाया जाए
दोषी पाए जाने पर दुकान की जिम्मेदारी बदली जाए
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द कोई कदम नहीं उठाया गया, तो वे जनप्रतिनिधियों और जिला कलेक्टर से मिलकर बड़े स्तर पर प्रदर्शन करेंगे।
यह खबर गांव के हितग्राहियों की ओर से दिए गए आरोपों पर आधारित है। संबंधित विभाग और कोटेदार का पक्ष आने पर उसे भी प्रकाशित किया जाएगा।
इन सभी मामलों को लेकर जब फूड इंस्पेक्टर से बात करने का प्रयास किया गया तो उनके द्वारा कॉल नहीं उठाया गया