खुटार पशु बाजार में खुला ‘मौत का कुआं’, बड़ा हादसा कभी भी ले सकता है जान – जिम्मेदार आखिर कौन?
मुख्यमंत्री और कलेक्टर के आदेशों की खुलेआम अवहेलना

खुटार पशु बाजार में खुला ‘मौत का कुआं’, बड़ा हादसा कभी भी ले सकता है जान – जिम्मेदार आखिर कौन?
सिंगरौली जिले के खुटार पशु बाजार में इन दिनों एक ऐसा खतरा मंडरा रहा है, जो कभी भी बड़ी जनहानि का कारण बन सकता है। बाजार क्षेत्र में स्थित एक गहरा कुआं पूरी तरह से खुला पड़ा है, जिसके चारों ओर न तो कोई सुरक्षा घेरा है और न ही कोई चेतावनी संकेत। इस खुले कुएं को देखकर सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह ‘मौत का कुआं’ किसी भी समय अनहोनी की बड़ी वजह बन सकता है। विशेष रूप से भीड़भाड़ वाले बाजार में पशुओं, बच्चों, वृद्धों व आम नागरिकों के लिए यह कुआं एक गंभीर खतरा बना हुआ है।
मुख्यमंत्री और कलेक्टर के आदेशों की खुलेआम अवहेलना
राज्य के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा पूर्व में निर्देश दिए गए थे कि प्रदेश में कहीं भी खुले नल, कुएं या बोरवेल पाए जाएं, तो उन्हें तुरंत बंद या ढंका जाए, ताकि किसी भी दुर्घटना की आशंका से बचा जा सके। इस संबंध में सिंगरौली जिले के कलेक्टर ने भी सभी जनप्रतिनिधियों, सरपंचों, सचिवों और राजस्व अमले (पटवारी सहित) को स्पष्ट निर्देश जारी किए थे कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में नियमित निगरानी करें और जहां भी खुले कुएं या बोरवेल हों, उन्हें तत्परता से बंद करें। आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया था कि लापरवाही करने वालों पर प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी।
लेकिन खुटार पशु बाजार की सच्चाई इन तमाम आदेशों को धत्ता बता रही है। न तो कुएं को ढंका गया और न ही कोई चेतावनी बोर्ड लगाया गया है। ऐसा प्रतीत होता है कि सचिव, सरपंच और पटवारी जैसे जिम्मेदार अधिकारी आंखें मूंदकर अपने कर्तव्यों से मुंह मोड़ रहे हैं।
बाजार में भारी भीड़, हर समय बना रहता है खतरा
खुटार पशु बाजार में प्रत्येक सप्ताह हजारों की संख्या में व्यापारी, ग्रामीण व मवेशी आते हैं। भीड़ के दौरान अराजकता, धक्का-मुक्की और अव्यवस्था का आलम आम बात होती है। ऐसे में खुले कुएं के आसपास किसी के गिर जाने की पूरी आशंका है। यदि समय रहते इसे नहीं ढका गया, तो यह लापरवाही भविष्य में किसी जानलेवा दुर्घटना में तब्दील हो सकती है।
स्थानीय नागरिकों में रोष
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि उन्होंने कई बार ग्राम पंचायत और राजस्व विभाग को इस खतरनाक कुएं की जानकारी दी, लेकिन अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। लोगों का कहना है कि अगर प्रशासन और जिम्मेदार अधिकारी समय रहते नहीं जागे तो इसके दुष्परिणामों की जिम्मेदारी उन्हीं पर होगी।
प्रशासन से मांग है कि तत्काल कार्यवाही हो
जनता और सामाजिक संगठनों की मांग है कि प्रशासन इस ‘मौत के कुएं’ को तुरंत ढकवाने की कार्यवाही करे, साथ ही इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों एवं पंचायत प्रतिनिधियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।अब देखना होगा कि प्रशासन इस खतरे को कितनी गंभीरता से लेता है या किसी बड़ी दुर्घटना के बाद ही चेतता है?