एमपी की इन जगहों पर चलेगा बुलडोजर का कहर मोहन सरकार ने अतिक्रमण हटाने के दिए निर्देश अतिक्रमण के खिलाफ सरकार की बड़ी कार्रवाई
मध्यप्रदेश सरकार ने राज्यभर में सार्वजनिक स्थानों और जल स्रोतों पर अतिक्रमण के खिलाफ एक विशेष अभियान चलाने का निर्णय लिया है

By लाले विश्वकर्मा
मध्यप्रदेश सरकार ने राज्यभर में सार्वजनिक स्थानों और जल स्रोतों पर अतिक्रमण के खिलाफ एक विशेष अभियान चलाने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे शासकीय भूमि, कुएं, बावड़ियों, तालाबों और गांवों में स्थित सार्वजनिक रास्तों से अतिक्रमण हटाने के लिए सख्त कदम उठाएं।
यह कदम जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत उठाया गया है,
जिसका उद्देश्य जल संरचनाओं की सुरक्षा और संरक्षण करना है। साइबर तहसील परियोजना से मिली सफलता मुख्यमंत्री ने साइबर तहसील परियोजना की सराहना की, जो प्रदेश में डिजिटलाइजेशन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस परियोजना के तहत, अब तक 1.56 लाख से अधिक मामलों का समाधान साइबर तहसील 1.0 और 1.19 लाख मामलों का समाधान साइबर तहसील 2.0 में हो चुका है। साइबर तहसील 3.0 में 7 लाख से अधिक मामलों को दर्ज किया गया है। इस डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए राजस्व से जुड़े मामलों का समाधान बिना किसी देरी के किया जा रहा है, जिससे आम नागरिकों को लाभ हो रहा है।
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मुख्यमंत्री ने प्रदेश में चलाए गए तीन राजस्व महा अभियानों के परिणामों की सराहना की-
नवंबर 2024 से जनवरी 2025 तक चले राजस्व महा अभियान 3.0 में 29 लाख से अधिक मामलों का समाधान हुआ है। इस अभियान की सफलता को देखकर अन्य राज्यों ने भी इसे अपनाया है, जिसमें छत्तीसगढ़ भी शामिल है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सुझाव दिया कि यह अभियान वर्ष में दो बार चलाया जाए, ताकि प्रदेश के नागरिकों को त्वरित समाधान मिल सके।
संपत्तियों का अधिकार
राजस्व विभाग के नवाचारी प्रयासों के तहत प्रदेश में स्वामित्व योजना और फार्मर रजिस्ट्री का कार्य तेजी से चल रहा है। अब तक लगभग 39.63 लाख निजी संपत्तियों का अधिकार अभिलेख वितरित किया जा चुका है, और यह कार्य जून 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा। साथ ही, फार्मर रजिस्ट्री के तहत 80 लाख फार्मर आईडी भी बनाई जा चुकी हैं।
जल गंगा संवर्धन अभियान क्या है?
जल गंगा संवर्धन अभियान मध्यप्रदेश सरकार द्वारा जल संरचनाओं के संरक्षण और अतिक्रमण हटाने के लिए चलाया गया अभियान है। इसके तहत अमृत सरोवर, तालाब, नहर और अन्य जल संरचनाओं को अतिक्रमण मुक्त किया जाएगा और इन्हें राजस्व अभिलेखों में अनिवार्य रूप से दर्ज किया जाएगा।
साइबर तहसील परियोजना से किसे फायदा हुआ है?
साइबर तहसील परियोजना से प्रदेश के नागरिकों को बहुत फायदा हुआ है। यह डिजिटल प्लेटफॉर्म किसानों और आम नागरिकों को उनके राजस्व मामलों का समाधान जल्दी और बिना किसी देरी के करने में मदद करता है। अब तक लाखों मामले इस प्लेटफॉर्म पर सुलझाए गए हैं।
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