छात्रवृत्ति के लिए ओटीआर नम्बर और आधार सत्यापन होगा अनिवार्य

छात्रवृत्ति के लिए ओटीआर नम्बर और आधार सत्यापन होगा अनिवार्य
रीवा . भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा छात्रवृत्ति के आवेदन पत्र ऑनलाइन दर्ज करने की प्रक्रिया के संबंध में निर्देश दिए गए हैं। जनजातीय कार्य विभाग द्वारा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों को छात्रृत्ति का लाभ दिया जा रहा है। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन करना आवश्यक है। छात्रवृत्ति के लिए पात्र कक्षा नवीं से महाविद्यालय स्तर तक के विद्यार्थियों को दो चरणों में ओटीआर प्राप्त कर आवेदन पत्र दर्ज करना होगा। छात्रवृत्ति के आवेदन के लिए ओटीआर नम्बर और आधार सत्यापन कराना अनिवार्य है। इस संबंध में कलेक्टर श्रीमती प्रतिभा पाल ने बताया कि दो लाख 50 हजार वार्षिक आय सीमा के अनुसूचित जाति, जनजाति परिवारों के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति का लाभ दिया जाएगा। वर्ष 2025-26 की छात्रवृत्ति के लिए पात्र विद्यार्थी को नेशनल स्कालरशिप पोर्टल पर पंजीयन कराकर वन टाइम रजिस्ट्रेशन नम्बर प्राप्त करना होगा। इसके लिए विद्यार्थी को नेशनल स्कालरशिप पोर्टल की वेबसाइट अथवा एनएसपी ओटीआर मोबाइल एप डाउनलोड करके उसमें आवश्यक जानकारियाँ दर्ज करनी होंगी। सभी जानकारियाँ दर्ज होने के बाद उससे रिफरेंस नम्बर प्राप्त होगा। इसके दूसरे चरण में एनएसपी ओटीआर एप अथवा आधार फेस आरडी सर्विस ऐप को डाउनलोड करके रिफरेंस नम्बर से ओटीआर की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इससे प्राप्त ओटीआर नम्बर से एमपीटॉस पोर्टल पर छात्रवृत्ति का आवेदन दर्ज होगा।
कलेक्टर ने डीन मेडिकल कालेज, कालेज के प्राचार्य, स्कूलों के प्राचार्य, जिला शिक्षा अधिकारी तथा छात्रवृत्ति के नोडल अधिकारियों को भारत सरकार द्वारा निर्धारित की गई प्रक्रिया के अनुसार पात्र विद्यार्थियों की एक माह की समय सीमा में ओटीआर पंजीयन अनिवार्य रूप से कराएं। सभी प्राचार्य विद्यार्थियों की ओटीआर नम्बर सहित सूची तैयार करके प्रस्तुत करेंगे। सभी छात्रावास अधीक्षक छात्रावासों में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों के प्रोफाइल पंजीयन के साथ-साथ उनका ओटीआर नम्बर भी प्रवेश पंजी में अनिवार्य रूप से दर्ज करें। ओटीआर प्राप्त करने के लिए विद्यार्थी के आधार सत्यापित मोबाइल नम्बर का उपयोग करना अनिवार्य होगा। इस मोबाइल नम्बर को बैंक खाते से भी जुड़ा होना आवश्यक है। ओटीआर पंजीयन की प्रक्रिया की पूरी जानकारी सभी स्कूलों, महाविद्यालयों, अन्य शिक्षण संस्थानों तथा छात्रावासों के सूचना पटल पर प्रदर्शित कराएं, जिससे विद्यार्थी सरलता से ओटीआर पंजीयन नम्बर प्राप्त कर सकें।