देवसरभोपालमध्य प्रदेशसिंगरौली

क्रियान्वयन एजेंसी के लापरवाही का नतीजा

गोपला गांव के सरकारी भवनों समेत निजी घरों पर मड़राया खतरा

गोपला गांव के सरकारी भवनों समेत निजी घरों पर मड़राया खतरा

सामुदायिक भवन, वन दफ्तर, फॉरेस्ट रेस्टहाउस, पंचायत गल्ला गोदाम, उप स्वास्थ्य केन्द्र एवं आधा दर्जन निजी घरों में जमा हो रहा सड़क का घुटने भर पानी

सिंगरौली  जिले के दूरस्थ अंचल बगदरा उप तहसील के गोपला गांव में कई सरकारी भवनों एवं निजी घरों के धरासाई होने का खतरा मड़राने लगा है। यहां नाली न होने से सड़क का पानी सरकारी दफ्तरों एवं निजी घरों में घुटने तक जमा हो रहा है। जिसको लेकर ग्रामीण के साथ-साथ सरकारी अमला इन दिनों दहशत में है।

गौरतलब है कि गोपला में वर्ष 2022-23 में तत्कालीन सांसद रीति पाठक एवं चितरंगी विधायक अमर सिंह के प्रयास से गोपला-बिसही मार्ग दूरी करीब 9 किलोमीटर सड़क निर्माण के लिए एनसीएल के निगमित सामाजिक दायित्व योजना के तहत करीब 8 करोड़ रूपये की मंजूरी मिली थी। जहां पिछले वर्ष सड़क का कार्य भी पूर्ण हो गया। किंतु क्रियान्वयन एजेंसी के घोर लापरवाही का खामियाजा गोपला गांव के करीब एक दर्जन से अधिक ग्रामीणजनों एवं यहां पर बने सामुदायिक भवन, वन दफ्तर, फॉरेस्ट रेस्टहाउस, पंचायत गल्ला गोदाम, उप स्वास्थ्य केन्द्र के अमले को भी इन दिनों भुगतना पड़ रहा है। आलम यह है कि बारिश का पानी इन्ही निजी घरों एवं सरकारी भवनों तथा दफ्तरों में घुटने तक जमा हो रहा है। यहां के ग्रामीण श्यामदेव पाण्डेय समेत, जनार्दन देव, छत्रपाल जायसवाल समेत अन्य ग्रामीण जन बताते हैं कि सड़क निर्माण कार्य के दौरान निर्धारित प्राकलन के अनुसार अर्थवर्क, डब्ल्यूबीएम का कार्य नही कराया गया। पीसीसी सड़क कार्य के पूर्व भस्सी एवं गिट्टी से सड़क बनाई गई थी इसके बाद ठेकेदार ने पीसीसी कार्य कर दिया। जमीन सतह से सड़क काफी नीचे होने के कारण बारिश का पानी बस्तियों से बह कर जीरो रोड गोपला में जमा हो रहा है। ग्रामीणजन यह भी बताते हैं कि इन दिनों अंचल में मूसलाधार बारिश हो रही है और सड़क के किनारे नालियों का निर्माण न होने से पानी घरों एवं सरकारी दफ्तर व भवनों में घुटने तक जमा हो रहा है। यही हालात रहें तो कई मकान धरासाई होने के जद में आ सकते हैं। उक्त ग्रामीण जन यह भी बताते हैं कि उक्त समस्या के बारे में जिम्मेदार अधिकारियों को भी अगवत कराया गया, लेकिन अभी तक खण्ड एवं जिले स्तर अधिकारियों की नींद नही टूटी है। शायद किसी बड़े हादसे के इंतजार में हैं।

क्रियान्वयन एजेंसी के लापरवाही का नतीजा

गोपला गांव के रहवासियों का आरोप है कि क्रियान्वयन एजेंसी एनसीएल सिंगरौली के अधिकारियों के लापरवाही का खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है। सड़क निर्माण के दौरान जहां अर्थवर्क का कार्य नही कराया गया, वही पीसीसी सड़क कार्य के बाद नाली का निर्माण कार्य करा दिया होता तो, आज यह समस्या उत्पन्न न होती। क्रियान्वयन एजेंसी की घोर लापरवाही से इन दिनों बारिश के दिनों में लोगों के दिल की धड़कने बढ़ जाती है। जिस तरह से यहां पानी जमा हो रहा है, उसको देख हर कोई चिन्तित हो जाता है।

नाली निर्माण कराने की मांग हुई तेज

गोपला गांव जीरो से लेकर शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय दूरी करीब 300 मीटर तक नाली निर्माण कराये जाने से ही सड़क एवं दफ्तरों एवं निजी तथा सरकारी भवनों में जल भराव से राहत मिल सकती है। आलम यह है कि जिस दिन बारिश होती है, बस्तियों का तेज बहाव उप स्वास्थ्य केन्द्र भवन घिर जाता है। इसी तरह से यदि बारिश होती रही और जल जमाव होता रहा तो, कभी भी भवन गिर सकते हैं। यहां के ग्रामीणों ने गोपला जीरो रोड से लेकर हायरसेकेण्ड्री विद्यालय तक शीघ्र ही नाली निर्माण कराये जाने की मांग कलेक्टर से की है।

सोनू विश्वकर्मा

लाले विश्वकर्मा, "गूँज सिंगरौली की" डिजिटल न्यूज़ पोर्टल के प्रधान संपादक और संस्थापक सदस्य हैं। उन्हें पत्रकारिता के क्षेत्र में कई वर्षों का अनुभव है और वे निष्पक्ष एवं जनसेवा भाव से समाचार प्रस्तुत करने के लिए जाने जाते हैं।

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