जलेबी भैया का जलवा रीवा में मचाई धूम स्वाद के दीवाने दूर-दूर से आ रहे लोग
रीवा. शहर का इटौंरा बायपास जलेबी भैया के चने के लिए मशहूर है. हैरत की बात यह है कि जलेबी भैया सालों से गरमा- गरम जलेबी नहीं बल्कि चना, मूंगफली खिलाते हैं.

By जिला कार्यालय
रीवा. शहर का इटौंरा बायपास जलेबी भैया के चने के लिए मशहूर है. हैरत की बात यह है कि जलेबी भैया सालों से गरमा- गरम जलेबी नहीं बल्कि चना, मूंगफली खिलाते हैं. जानिए क्या खासियत है इनके चना, मूंगफली में जो लोगों को दूर-दूर से भी खींच लाती है.
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जलेबी भैया के चना और मूंगफली लोगों को इतना पसंद आता है
कि लोग इसे चखने के लिए उत्साहित रहते हैं. दूर दराज से भी लोग इस स्वाद का मजा लेने के लिए इस दुकान में खिंचे चले आते हैं. जलेबी भैया नाम की सुंदर सी दुकान सिरमौर रोड में इंटौरा बायपास के पास है. यह दुकान ग्रामीण और शहरी परिवेश दोनों की झलक को खुद में संजोए हुए है. इस दुकान में सुबह शाम बायपास से सटे हुए गांवों और शहर के लोग इकट्ठे होने लगते हैं और दुकान में मिलने वाले चने और मूंगफली के स्वाद का लुत्फ उठाते हैं.
इस दुकान के स्वाद के चाहने वालों में से कुछ लोग ऐसे भी हैं
जो दूर दराज से लंबी दूरी का सफर तय कर इस दुकान में आते हैं. यह दुकान 1980 से शहर में चल रही है. दुकान की शुरुआत जलेबी लाल यादव ने की थी. इस दुकान में चना, मूंगफली, चाय, कॉफी के अलावा पान भी मिलता है. दुकान में आने वाले लोगों का कहना है कि रीवा में यह एक चुनिंदा स्थान है, जहां इतनी बेहतरीन चीज़ें एक साथ मिल जाती हैं
कुछ शौकीन इस दुकान को स्वास्थ्य के लिए बेहतर भी बताते हैं
. इसे खाने के बाद कभी भी पेट की समस्या नहीं होती बल्कि हाज़मा ठीक भी हो जाता है. यहां दिखे कुछ ग्राहकों ने कहा चने का टेस्ट इतना अच्छा है कि बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक इसको खा सकते है. चने के साथ खीरा, टमाटर, मूंगफली मिलाकर यह चना चाट बनाई जाती है. लोग बताते हैं यहां जो टेस्ट 10 साल पहले मिलता था, वही आज भी बरकरार है.
जलेबी भैया ने बाताया कि
मैं यहीं पला बड़ा हुआ हूं, घर में मां को तला चना बनाते देखता था तो अच्छ लगता था फिर सुना कि डाॅक्टर कहते हैं कि कच्चा चना और फायदेमंद होता है, तो मैंने अपने से ही शुरुआत कर दी और अब लोगों का प्यार है कि इस दुकान की भीड़ कभी कम नहीं होती. प्रयागराज तक के लोग स्वाद के दिवाने हैं.