पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार के फैसले और ताजा अपडेट

By राज कुमार कुशवाहा
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बैसरन घाटी में एक भीषण आतंकी हमला हुआ, जिसमें 26 लोग मारे गए, जिनमें दो विदेशी पर्यटक और भारतीय नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल शामिल थे। हमले में 20 से अधिक लोग घायल हुए। यह हमला लश्कर-ए-तैयबा के सहयोगी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF)’ द्वारा किया गया, जिसने इसकी जिम्मेदारी ली।
यह 2019 में अनुच्छेद 370 हटने के बाद कश्मीर में सबसे घातक आतंकी हमलों में से एक है-
आतंकियों ने कथित तौर पर धर्म पूछकर पर्यटकों को निशाना बनाया, जिससे पूरे देश में गुस्सा और दुख का माहौल है भारत सरकार के प्रमुख फैसले हमले के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 23 अप्रैल 2025 को कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की ढाई घंटे की बैठक हुई, जिसमें गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल शामिल थे। बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ पांच सख्त फैसले लिए गए, जो निम्नलिखित हैं:
सिंधु जल समझौता रद्द:
1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ सिंधु जल समझौता तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया गया। यह समझौता पाकिस्तान के लिए जल आपूर्ति की लाइफलाइन माना जाता है, और इसे रद्द करना पाकिस्तान पर आर्थिक और रणनीतिक दबाव डालने का कदम है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने इसे “अच्छा निर्णय” बताया।
अटारी-वाघा बॉर्डर बंद:
1 मई 2025 से अटारी बॉर्डर चेकपोस्ट को बंद करने का फैसला लिया गया, जिससे भारत और पाकिस्तान के बीच सीमित आवाजाही भी रुक जाएगी। यह दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ाने वाला कदम है। पाकिस्तानी दूतावास बंद और राजनयिकों का निष्कासन:
भारत में पाकिस्तानी उच्चायोग को बंद करने और 48 घंटे के भीतर पाकिस्तानी राजनयिकों को देश छोड़ने का आदेश दिया गया। विशेष रूप से, पाकिस्तानी दूतावास के सेना, नौसेना और वायुसेना के सलाहकारों को तत्काल प्रभाव से भारत छोड़ने के लिए कहा गया।
पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द:
पाकिस्तानी नागरिकों के सभी वीजा तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिए गए, और उन्हें 48 घंटे के भीतर भारत छोड़ने का निर्देश दिया गया। यह कदम दोनों देशों के बीच नागरिक संपर्क को और सीमित करता है। सर्वदलीय बैठक का आयोजन: सरकार ने 24 अप्रैल 2025 को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई, जिसकी अध्यक्षता रक्षामंत्री राजनाथ सिंह करेंगे। इस बैठक में हमले के बाद की स्थिति और आगे की रणनीति पर चर्चा होगी।
सैन्य और सुरक्षा कार्रवाइयां
सर्च ऑपरेशन: हमले के बाद सुरक्षाबलों ने पहलगाम में व्यापक तलाशी अभियान शुरू किया। दो स्थानीय आतंकियों की पहचान की गई है, और अनंतनाग पुलिस ने हमले में शामिल आतंकियों के बारे में जानकारी देने पर 20 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की है।
उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठकें:
गृहमंत्री अमित शाह ने 23 अप्रैल को श्रीनगर में घटनास्थल का दौरा किया और घायलों से मुलाकात की। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के साथ उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक की। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ 150 मिनट की बैठक की, जिसमें थल, जल और वायु मार्ग से जवाबी कार्रवाई के विकल्पों पर चर्चा हुई।
दिल्ली में सुरक्षा बढ़ाई: राष्ट्रीय राजधानी में, विशेष रूप से पाकिस्तानी उच्चायोग के बाहर, सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया।
यूपी में चेकिंग अभियान: लखनऊ में मेट्रो, रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन और शॉपिंग मॉल्स में विशेष चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है।
ताजा अपडेट प्रधानमंत्री का कड़ा रुख: पीएम मोदी ने सऊदी अरब का दौरा बीच में छोड़कर भारत लौटने का फैसला किया और हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि भारत न केवल हमले के प्रत्यक्ष दोषियों को, बल्कि इसके पीछे की साजिश रचने वालों को भी सजा देगा। विमानन मंत्रालय के निर्देश: हमले के बाद श्रीनगर से दिल्ली और मुंबई के लिए अतिरिक्त उड़ानें शुरू की गईं। एयर इंडिया और इंडिगो ने टिकट रिशेड्यूलिंग और कैंसिलेशन फीस माफ कर दी। विमानन मंत्री राममोहन नायडु ने हवाई किराए में वृद्धि न करने की सलाह दी। महाराष्ट्र सरकार की सहायता: महाराष्ट्र सरकार ने हमले में मारे गए छह पर्यटकों के परिजनों को 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। पुणे के 67 पर्यटक, जो पुलगांव में फंसे हैं, ने सुरक्षित वापसी की अपील की है।
सामाजिक और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं:
सुप्रीम कोर्ट ने हमले की निंदा की और मृतकों को मौन रखकर श्रद्धांजलि दी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और विभिन्न राजनीतिक दलों ने हमले की कड़ी निंदा की। कांग्रेस नेता प्रियंक खड़गे ने केंद्र सरकार पर सुरक्षा चूक का आरोप लगाया, जबकि बीजेपी नेता पवन खजूरिया ने इसे हिंदुओं को निशाना बनाने वाला हमला बताया। बॉलीवुड हस्तियों जैसे शाहरुख खान, प्रियंका चोपड़ा और विराट कोहली ने हमले पर दुख और गुस्सा जताया। अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमले को “चिंताजनक” बताया और भारत के साथ आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता जताई। पाकिस्तान की प्रतिक्रिया: भारत के कड़े फैसलों के बाद पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ ने नेशनल सिक्योरिटी कमिटी की आपात बैठक बुलाई, जो भारत के जवाबी कदमों से घबराहट का संकेत देता है।
राजनीतिक और सामाजिक माहौल
गुस्से का माहौल: पूरे देश में हमले के खिलाफ गुस्सा है। दिल्ली के एम्स में स्वास्थ्य कर्मियों ने कैंडल मार्च निकाला।
विपक्ष का हमला: कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर खुफिया विफलता का आरोप लगाया। राहुल गांधी ने “खोखले दावों” के बजाय सख्त कार्रवाई की मांग की। सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया: बोकारो में एक युवक को हमले के बाद पाकिस्तान की प्रशंसा करने वाला पोस्ट करने के लिए गिरफ्तार किया गया। विश्लेषण पहलगाम हमला अपनी टाइमिंग और क्रूरता के कारण 2000 के छत्तीसिंहपुरा नरसंहार की याद दिलाता है। यह हमला ऐसे समय हुआ जब पीएम मोदी सऊदी अरब में थे और अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भारत दौरे पर थे। विशेषज्ञों का मानना है कि यह हमला कश्मीर में अशांति का संदेश देने और भारत-अमेरिका संबंधों को प्रभावित करने की कोशिश हो सकता है। भारत सरकार के फैसले, विशेष रूप से सिंधु जल समझौता रद्द करना, पाकिस्तान पर लंबे समय तक प्रभाव डाल सकते हैं। हालांकि, इन कदमों से दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ने की आशंका है। सैन्य कार्रवाई के संकेत, जैसे सर्जिकल या एयर स्ट्राइक की चर्चा, देश में जवाबी कार्रवाई की मांग को दर्शाते हैं।