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भारत के फैसले से पाकिस्तान को झटकासिंधु जल संधि पर रोक से पानी की कमी पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ीं प्यासा मर जाएगा पाकिस्तान

पहलगाम में हुए आतंकी हमले में एक बार फिर पाकिस्तानी साजिश की बू आ रही है. खुफिया सूत्रों का कहना है कि आतंकी हमले की साजिश पाकिस्तान में रची गई.

By राज कुमार कुशवाहा 

पहलगाम में हुए आतंकी हमले में एक बार फिर पाकिस्तानी साजिश की बू आ रही है. खुफिया सूत्रों का कहना है कि आतंकी हमले की साजिश पाकिस्तान में रची गई. हमले के पीछे हाफिज सईद के करीबी सैफुल्लाह कसूरी का हाथ होने की बात कही जा रही है. ऐसे में भारत ने पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए कई बड़े फैसले लिए हैं.

इसें सबसे महत्वपूर्ण फैसला सिंधु जल समझौते को रद्द करना है. भारत के इस फैसले से पाकिस्तान पानी को तरस सकता है.

क्या है सिंधु जल संधि भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद दोनों देशों की पानी की जरूरतों को पूरा करने के लिए यह समझौता किया गया था. 19 सितंबर, 1960 को तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. इसके तहत छह नदियों ब्यास, रावी, सतलुज, सिंधु, चिनाब और झेलम के पानी के इस्तेमाल को लेकर नियम तय किए गए थे. इस समझौते के तहत पाकिस्तान को तीन पश्चिमी नदियों चिनाब, झेलम और सिंधु से संपूर्ण जल प्राप्त होता है. वहीं भारत को सतलुज, व्यास और रावी नदियों का जल प्राप्त होता है.

जंग के बावजूद भारत ने नहीं रोका पानी

बता दें, आजादी के बाद पाकिस्तान के साथ कई जंग लड़ चुके भारत ने कभी भी इस समझौते को नहीं तोड़ा और न ही पाकिस्तान का पानी रोका. हालांकि, लंबे समय से भारत में इस जल संधि को तोड़े जाने की मांग हो रही थी. अब भारत ने आखिरकार वह फैसला ले लिया है.

पानी को तरस जाएगा पाकिस्तान

बता दें, विश्व बैंक की लंबी मध्यस्थता के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल समझौता हुआ था. इस समझौते के लागू होने से पहले 1 अप्रैल 1948 को भारत ने दो प्रमुख नहरों का पानी रोक दिया था, जिससे पाकिस्तानी पंजाब की 17 लाख एकड़ जमीन पानी को तरस गई थी. अब इस समझौते को पूरी तरह से रद्द करने के बाद भारत ने पाकिस्तान की कमर तोड़कर रख दी है. दरअसल, पाकिस्तान का पंजाब और सिंध प्रांत पानी की जरूरतों को पूरा करने के लिए पूरी तरह से चिनाब, झेलम और सिंधु जैसी नदियों के पानी पर निर्भर था, लेकिन अब पाकिस्तान को इन नदियों का पानी नहीं मिलेगा.

सोनू विश्वकर्मा

लाले विश्वकर्मा, "गूँज सिंगरौली की" डिजिटल न्यूज़ पोर्टल के प्रधान संपादक और संस्थापक सदस्य हैं। उन्हें पत्रकारिता के क्षेत्र में कई वर्षों का अनुभव है और वे निष्पक्ष एवं जनसेवा भाव से समाचार प्रस्तुत करने के लिए जाने जाते हैं।

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