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शिमला समझौता रद्द करने की धमकी पाकिस्तान की इस एक्शन से भारत पर क्या पड़ेगा असर जानें क्या है शिमला समझौता और इसके मायने

पाकिस्तान की गीदड़भभकी के बाद शिमला समझौता एक बार फिर चर्चा के केंद्र में आ गया है. इसे 1972 में भारत और पाकिस्तान के बीच एक निर्णायक युद्ध के बाद शांति बहाल करने के लिए साइन किया गया था

By लाले विश्वकर्मा 

पाकिस्तान की गीदड़भभकी के बाद शिमला समझौता एक बार फिर चर्चा के केंद्र में आ गया है. इसे 1972 में भारत और पाकिस्तान के बीच एक निर्णायक युद्ध के बाद शांति बहाल करने के लिए साइन किया गया था. लेकिन सवाल उठता है कि शिमला समझौता आखिर है क्या? इसकी अहमियत क्या है?

आज के संदर्भ में इसका क्या महत्व रह गया है और क्या पाकिस्तान इसे रद्द कर सकता है?

आइए इसे आसान भाषा में विस्तार से समझते हैं. जम्मू कश्मीर के पहलगाम की बैसारन घाटी में आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई बड़े फैसले लिए हैं. इसके जवाब में पाकिस्तान ने भी एक के बाद एक जवाबी कदम उठाए हैं. इसमें वाघा बॉर्डर को बंद करने, सार्क वीजा सुविधा स्थगित करने और भारतीय विमानों के लिए अपनी हवाई सीमा बंद करने जैसे फैसले शामिल हैं.

सोनू विश्वकर्मा

लाले विश्वकर्मा, "गूँज सिंगरौली की" डिजिटल न्यूज़ पोर्टल के प्रधान संपादक और संस्थापक सदस्य हैं। उन्हें पत्रकारिता के क्षेत्र में कई वर्षों का अनुभव है और वे निष्पक्ष एवं जनसेवा भाव से समाचार प्रस्तुत करने के लिए जाने जाते हैं।

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