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गोरबी सोलंग मोड़ पर कबाड़ की दुकान का अवैध कारोबार अनदेखी से बढ़ रहा कबाड़ियों का साम्राज्य गोरबी में कबाड़ियों के हौसले बुलंद, पुलिस का संरक्षण या उदासीनता?

By L – सोनू विश्वकर्मा  

कबाड़ की दुकानों से तो नहीं जुड़े हैं परियोजनाओं में होने वाली चोरी के तार। आसपास की बस्तियों में भी होती है आए दिन चोरियां,पुलिस उदाशिन या दे रही संरक्षण एनसीएल की परियोजनाओं तथा विभिन्न औद्योगिक कंपनियों के आसपास कबाड़ की दुकानें क्यों खुल जाती हैं ये अपने आप में विचारणीय पहलू है,

अब सिंगरौली जिले में जहां भी आपको एनसीएल की परियोजनाएं तथा एनटीपीसी सहित अन्य कंपनियां नजर आएंगी वहां कबाड़ की दुकानें अवश्य मिलेंगी,

और कबाड़ की दुकानें खुलते ही चोरियों का सिलसिला शुरू हो जाता है,इन दिनों

सिंगरौली जिले के गोरबी चौकी क्षेत्र से करीब 900 मीटर दूर में कबाड़ की दुकान संचालित हो रही है, और सूत्रों की माने तो दिलीप कबाड़ी ने क्षेत्र में में फैलाया कबाड़ियों का साम्राज्य इधर एनसीएल की सहित विभिन्न परियोजनाओं एवं आसपास की सभी छोटी बड़ी कंपनियों में आए दिन चोरी की वारदातें सामने आती रहती हैं,,

साथ ही शहर एवं आसपास की बस्तियों में भी आए दिन छोटी बड़ी चोरियां होती रहती हैं-

कुल मिलाकर योद्योगिक कंपनियों की भारी क्षति हो रही है वहीं अन्य रहवासी भी त्रस्त हो चुके हैं लेकिन इस अवैध कारोबार पर गोरबी पुलिस कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पा रही है,कार्यवाही ना होने से अपने आप साबित होता है कि पुलिस की मिलीभगत से यह अवैध कारोबार चल रहा है

कहीं दिलीप कबाड़ी की दुकान से तो नहीं जुड़े हैं चारों के तार

जिस तरह से गोरबी चौकी क्षेत्र अंतर्गत कबाड़ की दुकान संचालित हो रही है और अक्सर चोरी की घटनाएं सामने आती रहती हैं ऐसे में सवाल यह खड़ा होता है कि कहीं दिलीप कबाड़ी दुकान से तो इन चोरों के तार नही जुड़े हैं,क्योंकि चोरी का माल ठिकाने लगाने के लिए नजदीकी कबाड़ दुकान से सुरक्षित जगह और क्या हो सकता है,और सबसे बड़ी बात एक ही चौकी क्षेत्र में चोरी करना तथा उसी थाना क्षेत्र में माल ठिकाने लगाने में एक ही थाने की पुलिस का डर रहेगा,और यदि संबंधित चौकी की पुलिस उदाशीन हुई या फिर किसी कारण वश संरक्षण देने लगी तो फिर कोई व्यवधान उत्पन्न होने वाला नहीं है

फिर क्यों होती है चोरियां

अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने पुलिस चौकी की जिम्मेदारी रहती है फिर भी क्षेत्र में अक्सर चोरियां क्यों होती हैं ये अपने आप में बड़ा सवाल है,ऐसे में तो यही कहा आएगा की स्थानीय पुलिस की मिलीभगत से पूरा कारोबार चलता है,यदि ऐसा नहीं है तो पुलिस को इस कारोबार के विरुद्ध कड़ा रुख अख्तियार करना चाहिए लेकिन कभी भी इन चोरों पर बड़ी कार्यवाही नहीं होती जिससे चोरों के हौंसले बुलंद हैं।

सोनू विश्वकर्मा

लाले विश्वकर्मा, "गूँज सिंगरौली की" डिजिटल न्यूज़ पोर्टल के प्रधान संपादक और संस्थापक सदस्य हैं। उन्हें पत्रकारिता के क्षेत्र में कई वर्षों का अनुभव है और वे निष्पक्ष एवं जनसेवा भाव से समाचार प्रस्तुत करने के लिए जाने जाते हैं।

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