आधार कार्ड सुधार के नाम पर अवैध वसूली का खेल “यस वीडियो विजन” संचालक पर गंभीर आरोप…
सिंगरौली जिले में आधार कार्ड में नाम, जन्मतिथि और पते जैसी सूचनाओं के संशोधन को लेकर एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है

By लाले विश्वकर्मा
सिंगरौली जिले में आधार कार्ड में नाम, जन्मतिथि और पते जैसी सूचनाओं के संशोधन को लेकर एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। “यस वीडियो विजन” नामक निजी सेवा केंद्र पर गरीब मजदूरों से अवैध रूप से भारी-भरकम राशि वसूलने के गंभीर आरोप लगे हैं।
पीड़ितों और स्थानीय सूत्रों के अनुसार,
इस केंद्र पर आधार कार्ड में मामूली सुधार के एवज में शासन द्वारा निर्धारित ₹50 की जगह ₹100 से ₹2000 तक की मनमानी रकम वसूल की जा रही है।गरीबों की मजबूरी का बन रहा मज़ाक….प्रशासन द्वारा आधार कार्ड को पहचान और सरकारी योजनाओं के लाभ के लिए अनिवार्य किया गया है। लेकिन जिले में यह आवश्यक दस्तावेज़, गरीबों के लिए मुसीबत का कारण बनता जा रहा है। विशेष रूप से ग्रामीण मजदूर, जो रोजगार, राशन या योजनाओं के लिए अपने आधार में सुधार करवाना चाहते हैं, उन्हें निजी केंद्रों की मनमानी का शिकार होना पड़ रहा है।
नियमों को ताक पर रख, हो रही खुलेआम लूट..?
ज्ञात हो कि नाम, जन्मतिथि, पते आदि के संशोधन के लिए UIDAI (भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) द्वारा अधिकतम ₹50 से ₹100 तक का शुल्क निर्धारित है। लेकिन “यस वीडियो विजन” सहित कई निजी सेवा केंद्रों पर इस नियम की धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं।
बिना जानकारी व नियमन के चल रहे केंद्र..?
जिले भर में निजी आधार सेवा केंद्रों पर न कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश हैं, न ही सेवा शुल्कों की सूची प्रदर्शित की गई है। इससे संचालक बिना किसी डर के मनमानी रकम वसूल रहे हैं। फुल अपडेट, एड्रेस, मोबाइल नंबर लिंक, नाम और जाति सुधार जैसे कार्यों के नाम पर हजारों रुपए ऐंठे जा रहे हैं।
क्लोन फिंगरप्रिंट और फर्जी आईडी का उपयोग..?
मामले में एक और गंभीर आरोप सामने आया है कि यस वीडियो विजन संचालक द्वारा क्लोन फिंगरप्रिंट का उपयोग कर अन्य लोगों की पहचान का दुरुपयोग कर फर्जी आधार अपडेटिंग की जा रही है। इससे आधार डेटा की गोपनीयता, पहचान सुरक्षा और संप्रभुता पर सीधा खतरा उत्पन्न हो गया है। जिसे यह भी संदेह जताया जा रहा है कि एक ही ऑपरेटर आईडी से कई स्थानों पर अपडेटिंग का कार्य किया जा रहा है, जो नियमों के विरुद्ध है और साइबर अपराध की श्रेणी में आता है।
शिकायत पर भी प्रशासन मौन, जांच नदारद…?
अव्वल तो इन केंद्रों के खिलाफ शिकायत करने का कोई प्रभावी माध्यम नहीं है। न तो कोई हेल्पलाइन है और न ही निगरानी तंत्र। कई पीड़ितों ने मौखिक शिकायतें की हैं, लेकिन अब तक किसी भी स्तर पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। इससे आम जनता में गहरा आक्रोश और प्रशासन के प्रति अविश्वास उत्पन्न हो गया है।
सूत्रों के अनुसार फर्जी हस्ताक्षरों से होता है सत्यापन..?
विश्वसनीय सूत्रों का कहना है कि आधार अपडेट को सत्यापित करने के लिए कई केंद्रों पर फर्जी हस्ताक्षरों और सील का उपयोग किया जा रहा है। यदि इस दिशा में ई-गवर्नेंस विभाग द्वारा निष्पक्ष जांच कराई जाए, तो जिले में चल रहे कई अवैध केंद्रों का पर्दाफाश होना तय है।
संबंधित विभाग तत्काल संज्ञान लें…?
सभी निजी केंद्रों की जांच कर अवैध वसूली पर रोक लगाई जाए..? निर्धारित शुल्कों की सूची सभी केंद्रों पर चस्पा की जाए..? दोषियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए..? क्लोन फिंगरप्रिंट और आईडी दुरुपयोग पर साइबर टीम द्वारा विस्तृत जांच कराई जाए…? यदि इस प्रकरण पर शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई तो यह न केवल शासन की साख पर सवाल उठाएगा, बल्कि हजारों नागरिकों की पहचान और डाटा भी संकट में पड़ सकता है। सोशल मीडिया पर पोस्ट हुआ वायरल ।