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अमृत सरोवर बना आजीविका का आधारः शिवाजी स्व सहायता समूह की महिलाएं बनीं लखपति

पहले हम घरेलू कामों तक सीमित थीं, लेकिन अब हम स्वरोजगार के माध्यम से आत्मनिर्भर बन चुके हैं।

अमृत सरोवर बना आजीविका का आधारः शिवाजी स्व सहायता समूह की महिलाएं बनीं लखपति

सिंगरौली, 2 जुलाई 2025 /ग्राम पंचायत गन्नई में निर्मित अमृत सरोवर अब केवल जल संरक्षण का साधन नहीं, बल्कि महिलाओं की आर्थिक समृद्धि का सशक्त माध्यम बन गया है। गांव की शिवाजी स्व सहायता समूह की महिलाओं ने इस तालाब में मछली पालन शुरू कर लखपति दीदी बनने की दिशा में ठोस कदम बढ़ाया है। अजीविका मिशन के अंतर्गत समूह को मछली पालन हेतु प्रशिक्षण एवं तकनीकी सहायता प्रदान की गई, जिसके परिणामस्वरूप महिलाओं ने तालाब में सफलतापूर्वक मछली पालन कर आय अर्जन करना प्रारंभ किया। इस प्रयास से उन्हें लगातार आर्थिक लाभ मिल रहा है, और आज वे लखपति महिला उद्यमी के रूप में पहचानी जा रही हैं।

समूह की अध्यक्ष सीता बाई ने बताया कि, “पहले हम घरेलू कामों तक सीमित थीं, लेकिन अब हम स्वरोजगार के माध्यम से आत्मनिर्भर बन चुके हैं। अमृत सरोवर ने हमें एक नया जीवन दिया है।“यह पहल जल संरक्षण के साथ-साथ महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास की मिसाल बन गई है। समूह की महिलाएं अब अन्य गांवों की महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन चुकी हैं।जिला प्रशासन एवं आजीविका मिशन सिंगरौली की इस अभिनव पहल ने यह सिद्ध कर दिया है कि यदि संसाधनों का समुचित उपयोग हो तो ग्रामीण क्षेत्रों में भी समृद्धि के पथ पर अग्रसर किया जा सकता है।

सोनू विश्वकर्मा

लाले विश्वकर्मा, "गूँज सिंगरौली की" डिजिटल न्यूज़ पोर्टल के प्रधान संपादक और संस्थापक सदस्य हैं। उन्हें पत्रकारिता के क्षेत्र में कई वर्षों का अनुभव है और वे निष्पक्ष एवं जनसेवा भाव से समाचार प्रस्तुत करने के लिए जाने जाते हैं।

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