व्यापारी संघ के इशारे पर प्रशासन की कार्रवाई, शिवसेना उपाध्यक्ष के विरोध पर मुकदमा दर्ज
छोटे व्यापारियों की आवाज़ उठाने वाले विवेक पांडे के खिलाफ हुई कार्रवाई, व्यापारी संघ की दबंगई चरम पर

सीधी में लोकतंत्र पर सत्तातंत्र भारी
व्यापारी संघ के इशारे पर प्रशासन की कार्रवाई, शिवसेना उपाध्यक्ष के विरोध पर मुकदमा दर्ज
– छोटे व्यापारियों की आवाज़ उठाने वाले विवेक पांडे के खिलाफ हुई कार्रवाई, व्यापारी संघ की दबंगई चरम पर
सीधी (संवाददाता विशेष):
सीधी ज़िले में इन दिनों लोकतंत्र और न्याय प्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। व्यापारी संघ और प्रशासन के बीच सांठगांठ की तस्वीर सामने आ रही है, जहाँ सत्ता के संरक्षण में व्यापारियों पर ज़ोर-ज़बरदस्ती का खेल खेला जा रहा है। कथित ‘जजिया कानून’ जैसे तानाशाही फरमानों के खिलाफ आवाज़ उठाने पर शिवसेना के प्रदेश उपाध्यक्ष विवेक पांडे पर मुकदमा दर्ज कर प्रशासन ने एकतरफा कार्रवाई कर डाली है।
बिना सरकारी आदेश के बाज़ार बंद कराने की कोशिश
मामले की शुरुआत तब हुई जब स्थानीय व्यापारी संघ ने बिना किसी आधिकारिक आदेश के पूरे शहर में बाज़ार बंद कराने की अपील की। बताया गया कि नियमों को ताक पर रखकर दुकानदारों को धमकाया गया और जुर्माने के नाम पर भय फैलाया गया। इसे लेकर व्यापारियों में रोष व्याप्त हो गया।
शिवसेना नेता विवेक पांडे ने इस एकतरफा निर्णय का कड़ा विरोध करते हुए इसे “तानाशाही जजिया कानून” करार दिया और खुले तौर पर व्यापारियों का समर्थन किया। उन्होंने छोटे दुकानदारों के अधिकारों के लिए आवाज़ उठाई और प्रशासन से हस्तक्षेप की मांग की।
एसपी ऑफिस पहुंचकर की शिकायत, उल्टा मुकदमा दर्ज
विवेक पांडे ने मामले को लेकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय जाकर व्यापारी संघ की दबंगई के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। लेकिन प्रशासन ने न्याय करने के बजाय उल्टा उन्हीं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया। इससे यह संदेश गया कि प्रशासन कहीं न कहीं व्यापारी संघ के दबाव में काम कर रहा है।
50 से अधिक लोगों के साथ झड़प की कोशिश
प्राप्त जानकारी के अनुसार, जब विवेक पांडे व्यापारियों की आवाज़ बनने सड़क पर उतरे, तो व्यापारी संघ के अध्यक्ष 50 से अधिक लोगों के साथ उनके सामने झड़प पर उतर आए। धक्का-मुक्की और अपशब्दों के बीच स्थिति तनावपूर्ण हो गई, लेकिन पांडे पीछे नहीं हटे।
इसके बाद विवेक पांडे ने व्यापारी जागरूकता अभियान की शुरुआत की, जिसमें उन्होंने दुकानदारों को उनके अधिकारों और प्रशासनिक नियमों की जानकारी दी। इस अभियान के जवाब में व्यापारी संघ अध्यक्ष पुनः 50 समर्थकों के साथ एसपी कार्यालय पहुंचे और पांडे के खिलाफ मामला दर्ज कराने का दबाव बनाया। आखिरकार, पुलिस ने विवेक पांडे के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया।
रविवार को खुली रही बाज़ार, व्यापारी संघ की कोशिश विफल
व्यापारी संघ के भारी दबाव और धमकियों के बावजूद, रविवार को पूरा बाज़ार खुला रहा। व्यापारियों ने विवेक पांडे के नेतृत्व और समर्थन पर भरोसा जताया और बंदी की अपील को सिरे से खारिज कर दिया। इससे साफ हो गया कि व्यापारी संघ अब अपने निर्णय थोपने में विफल हो रहा है।
“तानाशाही के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी” – विवेक पांडे
पूरे घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना प्रदेश उपाध्यक्ष विवेक पांडे ने कहा,
यह लड़ाई सिर्फ मेरे खिलाफ नहीं, बल्कि पूरे व्यापार समाज की आवाज़ को कुचलने की कोशिश है। मैं अंतिम साँस तक तानाशाही और गुंडागर्दी के खिलाफ लड़ाई जारी रखूंगा।”
सीधी में घटित यह मामला न सिर्फ प्रशासनिक निष्पक्षता पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि जब कोई आम आदमी या नेता जनहित में आवाज़ उठाता है, तो सत्तासीन ताकतें उसे दबाने का प्रयास करती हैं। अब देखना यह है कि शासन-प्रशासन इस मामले में निष्पक्ष जांच करता है या सत्ता के दबाव में आकर लोकतंत्र की जड़ें और कमजोर करता है।