ग्राम कचनी, वार्ड क्रमांक-28, अशोक वार्ड सगुन गार्डन के बगल में बाउंड्री कर रोड को किए बंद…
सिंगरौली में सार्वजनिक रास्ता बंद कर बना दी बाउण्ड्रीवाल, स्थानीय रहवासी परेशान ..

सिंगरौली में सार्वजनिक रास्ता बंद कर बना दी बाउण्ड्रीवाल, स्थानीय रहवासी परेशान ..
जिला प्रशासन से लगाई गुहार
ग्राम कचनी, वार्ड क्रमांक-28, अशोक वार्ड सगुन गार्डन के बगल में बाउंड्री कर रोड को किए बंद…
सिंगरौली जिले के वैढ़न-रीवा पहुंच मार्ग से लगे ग्राम कचनी, अशोक वार्ड नंबर-28 (सगुन गार्डन) के दर्जनों स्थानीय रहवासी आजकल भारी परेशानियों का सामना कर रहे हैं। मामला सार्वजनिक रास्ते को अवरुद्ध करने का है, जिसे लेकर प्रार्थीगण रामाधार सोनी ने जिला प्रशासन, नगर निगम और अन्य संबंधित अधिकारियों से लेकर माननीय न्यायालय तक अपनी गुहार लगाई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, ग्राम कचनी स्थित सगुन गार्डन के रहवासियों द्वारा पूर्व में आपसी सहमति और सहयोग से अपने-अपने प्लॉट के सामने दोनों ओर से 10-10 फीट भूमि रास्ते के लिए छोड़ी गई थी, जिससे कुल 20 फीट चौड़ा सार्वजनिक मार्ग तैयार हुआ। यही मार्ग पिछले 5-6 वर्षों से स्थानीय लोगों द्वारा नियमित रूप से उपयोग में लाया जा रहा था। यही नहीं, उक्त मार्ग पर डब्ल्यूबीएम (WBM) रोड भी निर्मित कर दिया गया था, जो रहवासियों के लिए आवागमन का मुख्य जरिया बन चुका है।
लेकिन स्थिति तब बिगड़ गई जब इसी वार्ड के निवासी देव प्रसाद शर्मा एवं उनके पुत्र परमेन्द्र चौबे द्वारा अचानक उक्त सार्वजनिक मार्ग पर कब्जा करते हुए रातोंरात बाउण्ड्रीवाल खड़ी कर दी गई। इससे न केवल लोगों का रास्ता अवरुद्ध हो गया, बल्कि उनके दैनिक जीवन में भारी अव्यवस्था उत्पन्न हो गई है।
रास्ता बंद, रहवासी घरों में कैद होने को मजबूर…
आवेदक करता ने बताया कि कुछ समय तक तो वे बगल के खाली ज़मीनों से होकर निस्तार आदि कार्य कर पा रहे थे, लेकिन जैसे ही मानसून शुरू हुआ, उन जमीनों में पानी भर गया है। परिणामस्वरूप अब कोई वैकल्पिक रास्ता नहीं बचा और स्थानीय निवासी अपने ही घरों में कैद होकर रहने को मजबूर हो गए हैं।
कई बार आवेदन के बावजूद प्रशासन मौन..?
इस गंभीर मामले को लेकर स्थानीय लोगों ने जिला कलेक्टर, नगर निगम आयुक्त और अन्य संबंधित अधिकारियों को कई बार आवेदन दिया है। लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है, जिससे लोगों में आक्रोश है। पीड़ितों का कहना है कि यदि प्रशासन समय रहते कार्रवाई नहीं करता, तो यह मामला सामाजिक टकराव की स्थिति पैदा कर सकता है।
सुखाधिकार की बात सार्वजनिक मार्ग पर कानूनी अधिकार..?
कानूनी दृष्टिकोण से देखा जाए तो जब कोई नागरिक किसी भूमि या मार्ग का वर्षों तक अविरल उपयोग करता है, तो उसे”सुखाधिकार” मिल जाता है। पीड़ितों ने भी यही दलील दी है कि वे बीते 5-6 वर्षों से लगातार उक्त मार्ग का उपयोग कर रहे हैं, जिससे उन्हें उस पर कानूनी अधिकार प्राप्त हो चुका है। ऐसे में देव प्रसाद शर्मा एवं परमेन्द्र चौबे द्वारा बगैर किसी वैध अनुमति के मार्ग को अवरुद्ध करना न केवल असंवैधानिक है, बल्कि यह सार्वजनिक अधिकारों का उल्लंघन भी है।
प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की मांग..?
आवेदकों की मांग है कि देव प्रसाद शर्मा एवं उनके पुत्र परमेन्द्र चौबे द्वारा बनाई गई बाउण्ड्रीवाल को तत्काल हटाया जाए और मार्ग को पुन सार्वजनिक उपयोग के लिए खोला जाए। इस दिशा में जिला प्रशासन, नगर निगम और तहसील प्रशासन से तत्काल संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करने की अपील की गई है।
यह मामला केवल एक निजी विवाद नहीं, बल्कि सार्वजनिक हित से जुड़ा गंभीर विषय बन चुका है। यदि प्रशासन समय रहते कार्रवाई नहीं करता, तो सिंगरौली जैसे संवेदनशील जिले में शांति व्यवस्था पर असर पड़ सकता है।
इन सभी मामलों को लेकर नगर पालिका निगम सिंगरौली की महापौर रानी अग्रवाल से बात की गई तो उनके द्वारा कहा गया कि हम उन्हें तीन नोटिस भिजवाएंगे इसके बाद अगर उन नोटिस का जवाब नहीं देते हैं तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी..