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विधायक राजेंद्र मेश्राम के दावों पर सवाल…

देवसर विधायक के विकास के दावों की खुली पोल कर्सुआलाल पंचायत की बदहाल सड़कें बनीं जनता के आक्रोश का कारण...

 

देवसर विधायक के विकास के दावों की खुली पोल कर्सुआलाल पंचायत की बदहाल सड़कें बनीं जनता के आक्रोश का कारण…

– सिंगरौली जिले के देवसर विधायक राजेंद्र मेश्राम एक ओर मध्य प्रदेश के देवसर विधानसभा क्षेत्र के विधायक राजेंद्र मेश्राम द्वारा क्षेत्र में विकास के तमाम दावे किए जाते हैं, तो दूसरी ओर जमीनी हकीकत कुछ और ही तस्वीर पेश कर रही है। सिंगरौली जिले की ग्राम पंचायत कर्सुआलाल का सड़क मार्ग आज भी बदहाली के दौर से गुजर रहा है, खासकर बरसात के मौसम में यह सड़कें लोगों के लिए मुश्किलों का सबब बन गई हैं। कर्सुआलाल पंचायत की मुख्य सड़क, जो कई गांवों को जोड़ती है, बरसात में पूरी तरह कीचड़ और गड्ढों में तब्दील हो चुकी है। सड़क पर पैदल चलना तो दूर, दोपहिया या चारपहिया वाहनों का गुजरना भी जोखिम भरा हो गया है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि इस सड़क की हालत बीते कई वर्षों से यही बनी हुई है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। गांव के निवासी रामसेवक यादव का कहना है, “हर बार चुनाव के समय नेता लोग आकर वादा करते हैं कि सड़क बनेगी, लेकिन चुनाव खत्म होते ही कोई नहीं आता। अब तो बरसात में स्कूल जाने वाले बच्चों को तकलीफ हो रही है, और मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाना भी मुश्किल हो गया है।” वहीं महिला समूह की एक सदस्य सुनीता ने बताया, “बरसात के पानी से सड़कें दलदल बन गई हैं। अगर कोई बीमार हो जाए, तो उसे चारपाई में लादकर अस्पताल ले जाना पड़ता है।”

विधायक राजेंद्र मेश्राम के दावों पर सवाल…

देवसर विधायक द्वारा क्षेत्र में सड़कों और अधोसंरचना के विकास को लेकर सार्वजनिक मंचों से अक्सर बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं। लेकिन कर्सुआलाल की बदहाल सड़कों ने इन दावों की सच्चाई उजागर कर दी है। विकास कार्यों का असली लाभ तब ही मिल सकेगा जब योजनाएं कागजों से निकलकर धरातल पर उतरेंगी।

गांव के लोगों ने जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाई है कि इस समस्या का जल्द से जल्द समाधान निकाला जाए। ग्रामीणों की मांग है कि कम से कम एक पक्की सड़क का निर्माण कराया जाए जिससे बरसात के दिनों में आवागमन बाधित न हो यह भी एक बड़ा सवाल है कि जब पंचायतों को विकास कार्यों के लिए हर साल लाखों रुपये का बजट मिलता है, तो फिर इन मूलभूत सुविधाओं की अनदेखी क्यों की जाती है? यह मामला सिर्फ एक गांव का नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र की उन अनसुनी आवाज़ों का प्रतिनिधित्व करता है जो वर्षों से मूलभूत सुविधाओं की बाट जोह रही हैं कर्सुआलाल की यह स्थिति देवसर क्षेत्र के लिए एक चेतावनी है कि अगर समय रहते बुनियादी समस्याओं की ओर ध्यान नहीं दिया गया, तो जनता का आक्रोश उभरकर सामने आएगा। सड़क, बिजली, पानी जैसी बुनियादी जरूरतों की पूर्ति ही असली विकास की पहचान होती है और यही सवाल अब क्षेत्र की जनता प्रशासन और अपने जनप्रतिनिधियों से पूछ रही है।

बाइट

स्थानीय निवासी

सोनू विश्वकर्मा

लाले विश्वकर्मा, "गूँज सिंगरौली की" डिजिटल न्यूज़ पोर्टल के प्रधान संपादक और संस्थापक सदस्य हैं। उन्हें पत्रकारिता के क्षेत्र में कई वर्षों का अनुभव है और वे निष्पक्ष एवं जनसेवा भाव से समाचार प्रस्तुत करने के लिए जाने जाते हैं।

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