आजीविका मिशन के तीन अधिकारियों ने करोड़ों रुपए की लगाई चपत आम आदमी पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री से उच्च स्तरीय जांच करने की उठाई मांग

आजीविका मिशन के तीन अधिकारियों ने करोड़ों रुपए की लगाई चपत
आम आदमी पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री से उच्च स्तरीय जांच करने की उठाई मांग
सिंगरौली । राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन जिले का सबसे महत्वपूर्ण विभाग है। सरकार ग्रामीण आदिवासी गरीबों को स्थायी आजीविका के अवसर देने, उनके उत्थान और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से कई योजनाएं संचालित है। वहीं डीएमएफ फंड से भी कई योजनाओं के जरिए ऋण दिया गया है। जहां पिछले 5 साल के दौरान व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार करने की बू आ रही है। जिसमें विभाग के तीन जिम्मेदार अधिकारियों पर आम आदमी पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष राजेश सोनी ने उंगली उठाते हुए उक्त मामले की उच्च स्तरीय जांच करने पर जोर दिया है।
गौरतलब है की आजीविका मिशन द्वारा ग्रामीणों के जीवन स्तर को सुदृढ़ बनाने के लिए सरकार द्वारा स्व सहायता समूह के जरिए बकरी पालन, मुर्गी पालन, सब्जी उत्पादन के साथ-साथ कई योजनाएं चलाई जा रही है, ताकि गरीब आदिवासियों का उत्थान हो सके। डीएमएफ फंड से चलाई जा रही सरकारी योजनाओं को लेकर आप के पूर्व जिलाध्यक्ष राजेश सोनी का आरोप है कि एक-एक ब्लॉकों में विभिन्न योजनाओं के तहत खर्च हुई राशि का जिले से बाहर के अधिकारियों द्वारा उच्च स्तरीय जांच कराई जाए तो कई चौकाने वाले मामले सामने आएंगे और प्याज के छिलकों की तरह परत दरपरत उनकी कलई खुलेंगी। जिला प्रबंधक द्वारा पिछले साल भी गणवेश वितरण में भी गड़बड़ी करने के आरोप लगे थे। प्रबंधक के एक नहीं कई अन्य मामले भी सामने आ रहे हैं। बताया तो यह भी जाता है कि जिला प्रबंधक की पत्नी सरकारी विभागों या फिर राजनीति में भी सक्रिय है। इसकी भी चर्चा जोरों पर है। सूत्रों का दावा है कि ऋण देने की एवज में जिला प्रबंधक मंगलेश्वर सिंह, नोडल अधिकारी संजीव सिंह और सहायक प्रबंधक चितरंगी संसार सिंह ने डीएमएफ फंड सहित सरकार की योजनाओं के संचालन में करोड़ों की राशि में जमकर हेर फेर की चर्चा है।
कौशल विकास और प्रशिक्षण के नाम पर हुआ खेल
सरकार ग्रामीण गरीबों के लिए स्थायी आजीविका के अवसर देने के लिए स्व सहायता समूह की महिलाओं के लिए कौशल विकास और प्रशिक्षण का कार्यक्रम आयोजित करती है। लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों ने सारी जनकल्याणकारी योजनायों को भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा रहे हैं। सूत्रों से हासिल जानकारी के मुताबिक डीएमएफ और एनसीएल सीएसआर मद से सिलाई, बुनाई अन्य के प्रशिक्षण के लिए करीब 15 लाख रुपए प्रशिक्षण मद के लिए प्राप्त हुए थे। जहां जिला परियोजना प्रबंधक द्वारा केवल कागजों में प्रशिक्षण संपन्न कराकर सारी रकम डकार लिए हैं। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम अमझर तथा नंदगांव में समूह की महिलाओं की फर्जी सूची तैयार कर उनके नाम से दो बैच में सिलाई प्रशिक्षण संपन्न होना दर्शाया गया। लेकिन वास्तविकता यह है कि इस दौरान न तो लोगों को प्रशिक्षण दिया गया और न ही एक भी रुपए का कार्य आजीविका मिशन के उक्त आला अधिकारियों द्वारा कराया गया।
चितरंगी ब्लॉक का आडियो हो रहा वायरल
चितरंगी ब्लॉक के आजीविका मिशन में भ्रष्टाचार करने का एक ऑडियो सोशल मीडिया पर इन दिनों जमकर वायरल हो रहा है। वायरल ऑडियो में दो महिलाएं आपस में योजनाओं का पैसा समूह में भेजने को लेकर बातचीत कर रही हैं। वही बातचीत के दौरान एक महिला यह भी कहते सुनाई दे रही है कि 75 हजार रुपए खाते में आ गए हैं। मैं जल्द ही निकाल कर दे दूंगी। वही यह भी कहते सुनाई दे रहा की अनारकली के खाते में पैसा गया है, यदि वह पैसे निकाल कर नहीं देती है तो दोबारा उसके खाते में पैसे नहीं डालेंगे। वही महिला ने एक दलाल का नाम लेते हुए कहा कि जिस समूह का नाम बताएगा उसी के खाते में पैसे डाले जाएंगे। हालांकि ऑडियो की पुष्टि समाचार पत्र नहीं करता।
इनका कहना:-
आजीविका मिशन सिंगरौली में व्यापक गड़बड़ी किये जाने की शिकायतें क्षेत्रीय भ्रमण के दौरान ग्रामीण जनों से मिली रहती है। ग्रामीणों को ऋण वितरण में भारी हेरा-फेरी की गई है। जब वसूली होगी तो गरीब आर्थिक रूप से टूट जाएंगे। इसकी उच्च स्तरीय जाच होनी चाहिए।
राजेश सोनी
आप पूर्व जिलाध्यक्ष, सिंगरौली