अब कोई भी कंपनी बेच सकेगी पेट्रोल-डीजल! सरकार कर रही है लाइसेंस नियमों में ढील की तैयारी
नई दिल्ली: देश में पेट्रोल-डीजल बेचने की प्रक्रिया अब और आसान हो सकती है

By मीडिया कार्यालय बरगवां
नई दिल्ली: देश में पेट्रोल-डीजल बेचने की प्रक्रिया अब और आसान हो सकती है। केंद्र सरकार 2019 की मौजूदा नीति की समीक्षा करते हुए पेट्रोल पंप खोलने के लिए बनाए गए नियमों में ढील देने की तैयारी कर रही है। इसके लिए पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है।
कौन-कौन है इच्छुक
इस समिति का उद्देश्य 2019 की नीति की समीक्षा करना, वैकल्पिक ईंधनों व इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के उपाय सुझाना और वर्तमान दिशा-निर्देशों के कार्यान्वयन में आ रही समस्याओं की पहचान करना है। मंत्रालय ने 6 अगस्त को जारी आदेश में आम जनता और हितधारकों से 14 दिनों के भीतर सुझाव भी मांगे हैं।
वर्तमान नीति के अनुसार,
250 करोड़ रुपये की शुद्ध संपत्ति रखने वाली गैर-पेट्रोलियम कंपनियों को खुदरा ईंधन बेचने की अनुमति है। वहीं, अगर कोई कंपनी खुदरा और थोक दोनों क्षेत्रों में डीजल-पेट्रोल की आपूर्ति करना चाहती है, तो उसकी शुद्ध संपत्ति कम से कम 500 करोड़ रुपये होनी चाहिए।
इस नीति में बदलाव के बाद गौतम अडानी
जैसे बड़े उद्योगपतियों समेत कई देसी-विदेशी कंपनियों के लिए भारतीय ईंधन खुदरा बाजार में प्रवेश करना आसान हो जाएगा। देश का ईंधन बाजार दुनिया में सबसे तेज़ी से बढ़ने वाले बाजारों में शामिल है, ऐसे में इसमें भागीदारी के लिए कई बड़ी कंपनियां पहले से इच्छुक हैं। सरकार का यह कदम ऊर्जा सुरक्षा और पर्यावरणीय लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए वैकल्पिक ईंधनों को भी बढ़ावा देने की दिशा में अहम माना जा रहा है।