Singrauli News – खुटार चौकी क्षेत्र में पुलिस की संवेदनशील पहल – डायल 112 पर बच्चे की फरियाद पर पहुंचे प्रधान आरक्षक, दिलाए कुरकुरे
लेकिन कई बार उनके संवेदनशील और मानवीय पहलू भी सामने आते हैं।

By सोनू विश्वकर्मा
सिंगरौली। पुलिस विभाग को अक्सर सख्त कानून-व्यवस्था से जोड़कर देखा जाता है, लेकिन कई बार उनके संवेदनशील और मानवीय पहलू भी सामने आते हैं। ऐसी ही एक मार्मिक घटना खुटार चौकी अंतर्गत 28 सितंबर 2025 को घटित हुई, जिसने समाज में पुलिस की सकारात्मक छवि को और प्रखर कर दिया।
ग्राम चितरवर्ईकला से एक मासूम बच्चे ने डायल 112 पर फोन कर मदद की गुहार लगाई। बच्चे ने पुलिस को बताया कि उसने अपनी मां से मात्र 20 रुपये कुरकुरे खरीदने के लिए मांगे थे। इस पर उसकी मां और बहन ने उसे रस्सी से बांधकर मारपीट की। इस फरियाद को सुनकर डायल 112 में पदस्थ प्रधान आरक्षक उमेश विश्वकर्मा तत्काल सक्रिय हुए और मौके पर पहुंचे।
प्रधान आरक्षक ने वहां पहुंचकर बच्चे की मां को समझाइश दी कि छोटे बच्चों को इस तरह से बांधकर या मारपीट कर दंडित करना गलत है। उन्होंने मां को यह भी भरोसा दिलाया कि बच्चों के साथ संवाद और समझाइश से ही समस्याओं का समाधान किया जा सकता है।
सबसे उल्लेखनीय बात यह रही कि प्रधान आरक्षक उमेश विश्वकर्मा ने केवल बच्चे की सुरक्षा ही सुनिश्चित नहीं की, बल्कि उसकी मासूम इच्छा को समझते हुए अपने साथ कुरकुरे भी दिलाए। बच्चे को कुरकुरे मिलते ही उसके चेहरे पर मुस्कान लौट आई और वह बेहद खुश हो गया।
इस छोटे से प्रयास ने यह संदेश दिया कि पुलिस केवल अपराध नियंत्रण तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज और खासतौर पर बच्चों की भावनाओं का भी सम्मान करती है।
पुलिस की मानवीय छवि बनी मिसाल
प्रधान आरक्षक उमेश विश्वकर्मा के इस कदम ने पूरे क्षेत्र में एक मिसाल कायम की है। जहां आमतौर पर बच्चे पुलिस को देखकर डरते हैं, वहीं इस घटना ने साबित कर दिया कि पुलिस वास्तव में जनता की मित्र है और हर परिस्थिति में मदद के लिए तत्पर है।
ग्रामीणों ने भी पुलिस की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह की घटनाएँ समाज में पुलिस के प्रति विश्वास और निकटता को बढ़ाती हैं।
निष्कर्ष
खुटार चौकी के प्रधान आरक्षक उमेश विश्वकर्मा द्वारा किए गए इस मानवीय कार्य से स्पष्ट है कि वर्दी सिर्फ कानून-व्यवस्था का प्रतीक ही नहीं, बल्कि करुणा और संवेदना का भी प्रतीक है। बच्चे की छोटी-सी मांग पूरी कर उन्होंने यह संदेश दिया कि पुलिस का असली मकसद समाज के हर वर्ग के चेहरे पर मुस्कान लाना है।