Singrauli News – खबर चलने के बाद भी नहीं जागा शिक्षा विभाग, CM राइस स्कूल बरगवां की बसों में बच्चों की जान से खिलवाड़ जारी
बरगवां क्षेत्र स्थित सीएम राइस स्कूल से जुड़ा एक गंभीर मामला अब भी अनदेखा किया जा रहा है, जिससे साफ होता है कि बच्चों की सुरक्षा को लेकर न तो स्कूल प्रबंधन चिंतित है और न ही शिक्षा विभाग

By सोनू विश्वकर्मा
सिंगरौली। बरगवां क्षेत्र स्थित सीएम राइस स्कूल से जुड़ा एक गंभीर मामला अब भी अनदेखा किया जा रहा है, जिससे साफ होता है कि बच्चों की सुरक्षा को लेकर न तो स्कूल प्रबंधन चिंतित है और न ही शिक्षा विभाग। पहले भी इस मुद्दे को मीडिया के माध्यम से प्रमुखता से उजागर किया गया था, लेकिन आज भी हालात जस के तस बने हुए हैं।
प्रत्येक दिन स्कूल आने-जाने के लिए बच्चे जिस बस में सवार होते हैं
वह एक चलती-फिरती ‘खतरे की गाड़ी’ से कम नहीं है। स्कूली बसों में क्षमता से कई गुना अधिक बच्चों को ठूंस-ठूंस कर भरा जा रहा है। ना बैठने की जगह है, ना खड़े होने की सुविधा, और ना ही किसी तरह की सुरक्षा व्यवस्था। बच्चों को किसी तरह बस में ठसाठस भरकर लाया और ले जाया जा रहा है, जो किसी बड़ी दुर्घटना को न्योता देने से कम नहीं।
सबसे चिंताजनक बात यह है
कि इस अव्यवस्था की जानकारी होने के बावजूद जिला शिक्षा विभाग अब तक पूरी तरह मौन है। जब इस गंभीर मामले को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी से संपर्क करने की कोशिश की गई, तो उन्होंने फोन रिसीव तक करना मुनासिब नहीं समझा। इससे यह साफ हो जाता है कि बच्चों की जान से जुड़ा यह मुद्दा शायद विभागीय प्राथमिकताओं में कहीं नहीं आता।
यह केवल एक प्रबंधन की लापरवाही नहीं
बल्कि शासन-प्रशासन की सामूहिक असंवेदनशीलता का प्रतीक बन चुका है। एक ओर सरकार ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ जैसे योजनाओं के जरिए देश में शिक्षा का प्रचार-प्रसार कर रही है, तो दूसरी ओर इन्हीं बच्चों की जान को जोखिम में डालने वालों के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं हो रही।
स्थानीय अभिभावकों ने भी चिंता जाहिर करते हुए कहा है
कि वे मजबूरी में अपने बच्चों को इन खचाखच भरी बसों में भेज रहे हैं, क्योंकि विकल्प उपलब्ध नहीं हैं। वहीं स्कूल प्रबंधन और परिवहन ठेकेदार आंखें मूंदे बैठे हैं। अगर समय रहते कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो यह लापरवाही कभी भी एक बड़ी दुर्घटना में बदल सकती है। और तब जिम्मेदारी लेने वाला शायद कोई न बचे-
जनहित से जुड़ा यह मामला अब तात्कालिक कार्यवाही की मांग कर रहा है-
प्रशासन से अपेक्षा की जा रही है कि वह बच्चों की सुरक्षा के लिए तुरंत आवश्यक कदम उठाए, ताकि मासूम ज़िंदगियों को किसी संभावित खतरे से बचाया जा सके।