Singrauli News – जियावन में बेलगाम अवैध कारोबार, TI और SDOP के खिलाफ उबल रहा जनाक्रोश पुलिस की निष्क्रियता से रेत और नशे का धंधा चरम पर, कप्तान साहब जनता कर रही कार्यवाही की मांग
हालात यह हैं कि दिन-रात सैकड़ों ट्रैक्टरों से अवैध रेत का परिवहन खुलेआम किया जा रहा है, और जिम्मेदार अधिकारी मौन साधे बैठे हैं

By सिंगरौली मीडिया कार्यालय बरगवां
सिंगरौली जिले का जियावन थाना क्षेत्र इन दिनों अवैध रेत उत्खनन और नशे के कारोबार का गढ़ बनता जा रहा है। हालात यह हैं कि दिन-रात सैकड़ों ट्रैक्टरों से अवैध रेत का परिवहन खुलेआम किया जा रहा है, और जिम्मेदार अधिकारी मौन साधे बैठे हैं। क्षेत्र की जनता का सीधा आरोप जियावन थाना प्रभारी (TI) और एसडीओपी पर है कि वे जानबूझकर इस अवैध धंधे को अनदेखा कर रहे हैं।
स्थानीय नागरिकों में गहरा रोष है उनका कहना है कि
जब से जियावन में वर्तमान TI और SDOP की पदस्थापना हुई है, तब से रेत माफिया और नशे के सौदागरों के हौसले सातवें आसमान पर हैं। एक ओर जहां सहकार ग्लोबल कंपनी को हर महीने भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर इलाके की युवा पीढ़ी नशे की दलदल में धंसती जा रही है।
पुलिस की चुप्पी बन रही संदेह का कारण जनता सवाल उठा रही है
कि आखिर इतने बड़े पैमाने पर चल रहे इस अवैध धंधे की भनक जियावन पुलिस को क्यों नहीं लगती? या फिर पुलिस को सब पता है लेकिन वह जानबूझकर आंखें मूंदे बैठी है? सूत्रों की मानें तो रेत माफिया और ड्रग्स नेटवर्क को पुलिस का संरक्षण प्राप्त है, जिससे उनका नेटवर्क दिन-ब-दिन फैलता ही जा रहा है।
नशे का जहर घर-घर पहुंच रहा, युवा तबाह
रेत के साथ-साथ जियावन थाना क्षेत्र में हेरोइन, चरस और अन्य नशीले पदार्थों का कारोबार भी तेजी से फैल रहा है। स्कूल-कॉलेज के छात्र इसके शिकार हो रहे हैं। कई परिवारों ने बताया कि उनके बच्चे अब घर से पैसे चुराकर नशे की लत पूरी करने लगे हैं।
गांव-गांव में आक्रोश, कार्रवाई की मांग
इलाके के कई गांवों में बैठकें हो रही हैं और ग्रामीण खुलकर TI और SDOP की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि अगर जल्द ही जिम्मेदार अधिकारियों को हटाकर निष्पक्ष जांच और कार्रवाई नहीं की गई, तो वे सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
नेताओं और जनप्रतिनिधियों की चुप्पी भी सवालों के घेरे में
जहां एक ओर जनता त्रस्त है, वहीं क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि भी इस मुद्दे पर खामोश हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि कहीं न कहीं इस गोरखधंधे में राजनीतिक संरक्षण भी मिल रहा है, तभी इतने लंबे समय से यह कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है और जिम्मेदार अधिकारी महज दर्शक बने हुए हैं।
क्या करेंगे कलेक्टर और एसपी?
अब सबकी निगाहें जिला प्रशासन और पुलिस अधीक्षक (SP) पर टिकी हैं। क्या वे इस गंभीर मामले में हस्तक्षेप करेंगे? क्या जियावन के TI और SDOP पर कार्रवाई होगी? या फिर जनता को इसी हाल में जीने के लिए मजबूर होना पड़ेगा?
जियावन क्षेत्र में अवैध कारोबार
का ये अंधा खेल अब जनता की सहनशीलता की सीमा पार कर चुका है। यदि अब भी प्रशासन नहीं जागा, तो स्थिति और अधिक भयावह हो सकती है। जरूरत है सख्त कार्रवाई की — ताकि न सिर्फ रेत माफिया और नशा कारोबारियों पर लगाम लगे, बल्कि पुलिस पर से जनता का भरोसा भी बहाल हो सके।