भोपाल से उठी आवाज़: पुरुष आयोग के गठन और समान कानून की मांग, बोले – पक्षपाती कानून से बिखर रहे परिवार
भोपाल।राजधानी में पुरुष अधिकारों के लिए काम करने वाले संगठनों ने तीन दिवसीय अधिवेशन आयोजित कर कानून में लैंगिक समानता की जोरदार मांग उठाई।

भोपाल।राजधानी में पुरुष अधिकारों के लिए काम करने वाले संगठनों ने तीन दिवसीय अधिवेशन आयोजित कर कानून में लैंगिक समानता की जोरदार मांग उठाई। गैर सरकारी संगठन भोपाल अगेंस्ट इन जस्टिस (भाई) की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में देशभर से जुड़े 27 संगठनों के प्रतिनिधि, विधि विशेषज्ञ और मनोवैज्ञानिक शामिल हुए।
अधिवेशन में वक्ताओं ने कहा कि वर्तमान में अधिकांश कानून महिलाओं के पक्ष में झुके हुए हैं, जिससे समाज में असंतुलन बढ़ रहा है और परिवार टूट रहे हैं। पीड़ित केवल महिलाएं ही नहीं होतीं, कई बार पुरुष भी प्रताड़ना के शिकार बनते हैं, लेकिन उनके लिए न्याय पाने का रास्ता बेहद कठिन होता है।
कार्यक्रम में बेंगलुरु के इंजीनियर अतुल सुभाष के भाई विकास मोदी भी शामिल हुए। उन्होंने बताया कि पत्नी की प्रताड़ना से तंग आकर उनके भाई ने आत्महत्या कर ली थी। वीडियो और सुसाइड नोट सामने आने के बावजूद जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि न्याय प्रणाली में पारदर्शिता और पुरुष आयोग का गठन बेहद जरूरी है।
अधिवेशन से उठी मुख्य मांगें
पुरुष आयोग का गठन किया जाए।
लिंग भेदी कानून समाप्त किए जाएं। पति-पत्नी विवाद में बच्चों की साझा परवरिश सुनिश्चित की जाए।कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न कानून के दुरुपयोग पर रोक लगे। दोष सिद्ध होने तक दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई न हो।
अधिवेशन के आयोजक जकी अहमद ने कहा कि यह मुहिम पुरुष अधिकारों की आवाज बुलंद करने और न्याय प्रणाली को संतुलित बनाने की दिशा में अहम कदम है।