तेल की दरों में हुई भारी गिरावट देखें किसको कितना होगा नुकसान
अप्रैल 2025 में, कुछ दिनों में तेल की कीमतों में 10% से अधिक गिरावट भी देखी गई—यह बीते दो वर्षों में सबसे तेज़ गिरावट थी ।

हाल ही में वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतें (ब्रेंट और डब्ल्यूटीआई) में तेज़ी से गिरावट आई है, जो डेल्ही सहित कई देशों के लिए राहत की उम्मीद जगा रही है। उदाहरण के लिए: एक सप्ताह की अवधि में ब्रेंट क्रूड की कीमत में लगभग 9% तक की गिरावट दर्ज की गई, जिसका मुख्य कारण मध्य-पूर्व में तनाव की कमी और ईरान द्वारा स्ट्रेट ऑफ होर्मुज़ को अवरुद्ध न करने का निर्णय था ।
अप्रैल 2025 में, कुछ दिनों में तेल की कीमतों में 10% से अधिक गिरावट भी देखी गई—यह बीते दो वर्षों में सबसे तेज़ गिरावट थी ।
दिन-विशेष के आँकड़े देखें तो, एप्रिल में ब्रेंट क्रूड $64.6/बैरल तक और WTI $61.0/बैरल तक गिर गया—यह 2021 के बाद का सबसे निचला स्तर था । नतीजा: वैश्विक स्तर पर कच्चा तेल सस्ते होने से Downstream कंपनियों (जैसे IOC, BPCL, HPCL) को लाभ हुआ, जबकि Upstream कंपनियों (जैसे ONGC, Oil India) को थोड़ा नुकसान उठाना पड़ा ।
भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर असर
अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतों में गिरावट के बाद घरेलू ईंधन (पेट्रोल व डीजल) के दामों में कमी की उम्मीदें जगी हैं, लेकिन कई इलाकों में ये स्थिर बने हुए हैं: जयपुर में पेट्रोल में 34 पैसे तक और डीजल में 31 पैसे तक की मामूली गिरावट देखी गई है, वहीं तिरुवनंतपुरम, नोएडा में भी हल्की कमी दर्ज की गई । हालांकि पटना में पेट्रोल ₹70 पैसे बढ़कर और डीजल ₹66 पैसे महंगा हुआ है ।
दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई जैसे बड़े शहरों में फिलहाल पेट्रोल-डीजल की कीमतें स्थिर बनी हुई हैं –
विशेष टिप्पणी: यदि कच्चे तेल की कीमतें लगातार $65/बैरल के आसपास बनी रहीं, तो भविष्य में भारत में ईंधन की कीमतों में असर पड़ सकता है—लेकिन अब तक इसका असर सीमित ही रहा है ।
खाद्य तेल (Edible Oil) के दामों में स्थिति
जुलाई 2025 में भारत में खाद्य तेलों का आयात लगभग 16% कम होकर 15.48 लाख टन रह गया, खासकर ताड़ के तेल (Palm Oil) की आपूर्ति में कमी के चलते ।हालांकि, इस गिरावट का मतलब यह नहीं कि खुदरा स्तर पर तेल के दाम नीचे आए हों—क्योंकि सीमेंट, टैक्स, और वितरण लागत के चलते खुदरा कीमतों पर इसका सीधा असर धीमा होता है।
महत्वपूर्ण:
घरेलू खाद्य तेल के दामों में गिरावट की विस्तृत रिपोर्ट अभी उपलब्ध नहीं है। पिछले कुछ वर्षों में सरकार ने कभी-कभी वैश्विक कीमतों में गिरावट के लाभ को उपभोक्ताओं तक पहुँचाने को कहा है