Singrauli News – जियावन थाना बना नशे का गढ़, थाना प्रभारी की भूमिका पर उठे सवाल – नशा मुक्ति अभियान महज़ दिखावा साबित
जिले का जियावन थाना इन दिनों अवैध कारोबारियों और नशे के सौदागरों का सबसे सुरक्षित पनाहगाह बन चुका है

By सोनू विश्वकर्मा
सिंगरौली। जिले का जियावन थाना इन दिनों अवैध कारोबारियों और नशे के सौदागरों का सबसे सुरक्षित पनाहगाह बन चुका है। जहां एक ओर प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री लगातार अधिकारियों को नशा और अवैध कारोबार के खिलाफ कठोर कदम उठाने के निर्देश देते हैं, वहीं दूसरी ओर जियावन थाना प्रभारी खुलेआम उन निर्देशों की अनदेखी कर रहे हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि थाना प्रभारी की निष्क्रियता और शिथिल रवैये के कारण क्षेत्र में कानून का भय समाप्त हो गया है और नशे का कारोबार दिन-प्रतिदिन फल-फूल रहा है।
हर गली-मोहल्ले में बिक रहा जहर
क्षेत्र की जमीनी हकीकत बेहद चिंताजनक है। आज स्थिति यह हो चुकी है कि हर गली, हर मोहल्ले में खुलेआम शराब, गांजा, कोरेक्स, हेरोइन और अन्य नशीले पदार्थों की बिक्री हो रही है। यह कारोबार न केवल युवाओं को बरबादी की ओर धकेल रहा है, बल्कि सामाजिक ताने-बाने को भी पूरी तरह से कमजोर कर रहा है। बेरोजगारी और लत की वजह से युवा अपराध की दुनिया में प्रवेश कर रहे हैं और परिवार टूटते जा रहे हैं।
थाना प्रभारी पर संरक्षण देने के आरोप
स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि जियावन थाना प्रभारी अवैध कारोबारियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहे, बल्कि उनकी अनदेखी और संरक्षण की वजह से ही माफियाओं के हौंसले बुलंद हैं। लोगों का कहना है कि पुलिस की इस चुप्पी ने नशे के कारोबार को और बढ़ावा दिया है। पुलिस प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह जनता की सुरक्षा करे, लेकिन जब खुद थाना प्रभारी ही चुप्पी साध लें तो अवैध गतिविधियाँ फलने-फूलने लगती हैं।
नशा मुक्ति अभियान बना दिखावा
प्रदेश सरकार ने नशा मुक्ति अभियान चलाकर समाज को नशे से मुक्त कराने का लक्ष्य रखा था। लेकिन जियावन थाना क्षेत्र की हकीकत यह है कि यह अभियान महज़ कागज़ी औपचारिकता बनकर रह गया है। अभियान का असर जमीन पर कहीं नहीं दिख रहा। नशे का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है और पुलिस इस पर कार्रवाई करने से कतराती नजर आ रही है। इससे साफ जाहिर होता है कि यह अभियान जनता को दिखाने के लिए चलाया जा रहा है, जबकि असलियत बिल्कुल उलटी है।
जनता का गुस्सा और उम्मीदें
जियावन क्षेत्र की जनता का कहना है कि अब उनकी सहनशीलता की सीमा समाप्त हो रही है। लोग चाहते हैं कि जिला प्रशासन और उच्च पुलिस अधिकारी इस पूरे मामले की जांच करें और थाना प्रभारी की भूमिका पर संज्ञान लें। जनता की मांग है कि दोषी पुलिस अधिकारियों और थाना प्रभारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि क्षेत्र को अवैध कारोबारियों और नशे के जाल से बाहर निकाला जा सके।