जियावन थाना बना नशे के कारोबारियों का गढ़, प्रभारी की निष्क्रियता से क्षेत्रवासी परेशान सरकार की मंशा पर उठ रहे सवाल, हर गली में बिक रहा जहर
ऊर्जाधानी सिंगरौली जिले का जियावन थाना इन दिनों नशे के सौदागरों की पहली पसंद बन चुका है।

ऊर्जाधानी सिंगरौली जिले का जियावन थाना इन दिनों नशे के सौदागरों की पहली पसंद बन चुका है। थाना क्षेत्र के अलग-अलग गांवों और कस्बों में शराब, गांजा, कोरेक्स, हेरोइन और अन्य नशीले पदार्थ खुलेआम बिक रहे हैं। नशे के इस बढ़ते जाल ने क्षेत्र की युवा पीढ़ी को अपनी गिरफ्त में ले लिया है, लेकिन थाना प्रभारी की निष्क्रियता और अनदेखी ने लोगों के बीच आक्रोश को और गहरा कर दिया है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि थाना परिसर से लेकर गांवों तक नशे का धंधा खुल्लमखुल्ला चल रहा है। शिकायतें कई बार पुलिस तक पहुंचीं, लेकिन टीआई की उदासीनता के चलते कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। नतीजा यह है कि आज जियावन थाना क्षेत्र अपराध और नशे का अड्डा बनता जा रहा है।
सरकार की छवि पर पड़ रहा असर
प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और पुलिस विभाग लगातार नशे के खिलाफ सख्त निर्देश दे रहे हैं। जगह-जगह नशा मुक्ति अभियान, जागरूकता रैली और जनजागरण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसके लिए करोड़ों रुपये खर्च भी हो रहे हैं। लेकिन जियावन थाना प्रभारी की ढिलाई इन सारे प्रयासों पर पानी फेर रही है।
सिंगरौली जिले में अन्य थानों के पुलिस अधिकारी लगातार कार्रवाई कर रहे हैं, वहीं जियावन थाना मात्र औपचारिकता निभाता दिख रहा है। जनता का कहना है कि प्रभारी की निष्क्रियता से सरकार की साख खराब हो रही है और पुलिस महकमे की छवि भी धूमिल हो रही है।
AC कक्ष से बाहर नहीं निकलते साहब
क्षेत्रीय लोगों का आरोप है कि थाना प्रभारी का अधिकांश समय एसी कक्ष में बीतता है। जमीनी हालात का जायजा लेने की बजाय थाना प्रभारी कारखासों और नजदीकी चहेतों की सलाह पर काम करते हैं। यही कारण है कि इलाके में अपराध और नशे का कारोबार बेलगाम हो चुका है।
लोगों का कहना है कि अगर थाना प्रभारी कभी गांवों और चौक-चौराहों पर जाकर सच्चाई देख लें, तो उन्हें नशे का असली आतंक समझ आएगा। लेकिन फिलहाल उनकी उदासीनता ने अवैध कारोबारियों के हौसले बुलंद कर दिए हैं।
युवा पीढ़ी पर मंडरा रहा खतरा
जियावन थाना क्षेत्र में नशे का धंधा जिस तेजी से फैल रहा है, उसने युवा पीढ़ी को बर्बादी की ओर धकेल दिया है। स्कूल-कॉलेज के छात्र और बेरोजगार युवा सबसे ज्यादा इसकी चपेट में आ रहे हैं। जहां एक ओर परिवार अपने बच्चों को उज्जवल भविष्य देने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, वहीं नशे का यह जाल उन्हें धीरे-धीरे अंधकार की ओर ले जा रहा है।
सामाजिक संगठनों और जागरूक नागरिकों का कहना है कि अगर पुलिस प्रशासन ने समय रहते सख्त कदम नहीं उठाए, तो हालात बेकाबू हो जाएंगे और अपराध दर में भी इजाफा होगा।
जनता में आक्रोश, स्थानांतरण की उठ रही मांग
जियावन क्षेत्र के नागरिकों का आक्रोश अब खुलकर सामने आ रहा है। लोगों का कहना है कि थाना प्रभारी के रहते क्षेत्र में सुधार की उम्मीद करना बेमानी है। जनता ने मांग की है कि थाना प्रभारी का स्थानांतरण किसी अन्य जगह किया जाए और यहां ऐसे अधिकारी की नियुक्ति हो जो वास्तव में क्षेत्र की समस्याओं को गंभीरता से ले सके।