सीएम साहब देख लीजिए! खुलेआम थाना प्रभारी करवा रहे हैं अवैध रेत का कारोबार, आपके आदेश की सरेआम उड़ रही धज्जियाँ
जिले के सरई थाना क्षेत्र में इन दिनों रेत माफिया का बोलबाला है

कार्यालय – बरगवाँ, सिंगरौली। सिंगरौली जिले के सरई थाना क्षेत्र में इन दिनों रेत माफिया का बोलबाला है। सबसे गंभीर और चौंकाने वाली बात यह है कि इस अवैध रेत कारोबार को स्थानीय थाना प्रभारी के संरक्षण में चलाए जाने के गंभीर आरोप सामने आ रहे हैं। प्रदेश के मुखिया का स्पष्ट आदेशों के बावजूद यहां नियमों की धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं, और प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है।
रेत माफिया की ‘रात की हुकूमत’, दर्जनों ट्रैक्टर सड़कों पर करते हैं कब्जा
सरई क्षेत्र में प्रतिदिन रात होते ही रेत से लदे दर्जनों ट्रैक्टर बिना रोक-टोक दौड़ते हैं। ट्रैक्टरों की रफ्तार इतनी तेज होती है कि हादसे का खतरा हमेशा बना रहता है। क्षेत्रीय नागरिकों का कहना है कि इस इलाके की सड़कें अब आम जनता के लिए सुरक्षित नहीं रहीं।
सरकार को करोड़ों का नुकसान, थाना प्रभारी बना रहे ‘मौन सहमति’
जानकारों के मुताबिक, इस अवैध कारोबार से प्रदेश सरकार को हर महीने लाखों रुपये का राजस्व नुकसान हो रहा है। लेकिन सरई थाने की भूमिका पूरी तरह संदेह के घेरे में है। स्थानीय लोग साफ तौर पर आरोप लगा रहे हैं कि थाना प्रभारी स्वयं इस पूरे रैकेट को संरक्षण दे रहे हैं।
“अवैध” शब्द बेमानी हो गया है सरई में
रेत के अवैध खनन और परिवहन को लेकर सरकार और प्रशासन की ओर से चाहे जितने भी आदेश दिए गए हों, सरई क्षेत्र में वह सब सिर्फ कागजों तक सीमित हैं। यहां खनन का काम इतने खुले तौर पर होता है कि “अवैध” शब्द अब मज़ाक बनकर रह गया है। ट्रैक्टर बिना नंबर प्लेट, बिना परमिट, बिना अनुमति रेत ढोते हैं और रास्ते में कोई रोकने वाला नहीं होता।
महान नदी, तीनगुड़ी, दियागड़ई, जट्टा टोला – रेत का ‘अवैध केंद्र’
अवैध रेत खनन की प्रमुख जगहों में महान नदी, खुनुआ, नया, तीनगुड़ी, दियागड़ई, और जट्टा टोला प्रमुख हैं। इन इलाकों से रातभर ट्रैक्टर रेत भरकर निकलते हैं और स्थानीय प्रशासन आंख मूंदे बैठा है।
सीएम आदेशों की खुली अवहेलना, जनता में उबाल
प्रदेश के मुख्यमंत्री बार-बार खनिज माफिया पर कार्रवाई के आदेश देते रहे हैं, लेकिन सरई थाना क्षेत्र में उनके आदेशों की सरेआम अवहेलना की जा रही है। इससे आक्रोशित क्षेत्रीय जनता ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि सरई थाना प्रभारी को तत्काल हटाकर स्वतंत्र जांच कराई जाए।
जनता का सीधा आरोप – “पुलिस की जेब भर रही है रेत माफिया”
स्थानीय ग्रामीणों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि जब भी कोई शिकायत की जाती है, तो थाना स्टाफ द्वारा रेत माफियाओं को पहले ही सूचना दे दी जाती है। कई बार पुलिस की मौजूदगी में ही ट्रैक्टर निकलते देखे गए हैं।