108 एम्बुलेंस सेवा में फर्जी रीडिंग घोटाला, मैपिंग के नाम पर अवैध वसूली, पायलटों ने खोला राज…
लेकिन जिस सेवा का मकसद आमजन को जीवनरक्षक सुविधा उपलब्ध कराना था

सिंगरौली स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती प्रदान करने और हर आपातकालीन स्थिति में मरीजों को समय पर राहत पहुँचाने के उद्देश्य से मध्य प्रदेश सरकार ने 108 एम्बुलेंस सेवा का संचालन छत्तीसगढ़ की जय अंबे इमरजेंसी सर्विस कंपनी को सौंपा है। लेकिन जिस सेवा का मकसद आमजन को जीवनरक्षक सुविधा उपलब्ध कराना था, उसी में अब घोटालेबाजों की सेंधमारी उजागर हो रही है। सिंगरौली जिले से सामने आए मामले ने पूरे तंत्र पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं।
192 किलोमीटर की फर्जी रनिंग और अधिकारियों पर पर्दा…?
जानकारी के मुताबिक, 22 जून 2025 को 192 किलोमीटर की फर्जी रनिंग का मामला सामने आया था। इस मामले में निविदा कंपनी जय अंबे इमरजेंसी सर्विस ने चालक की सेवा समाप्ति कर दी, लेकिन हैरानी की बात यह है कि इस घोटाले को अंजाम देने वाले अधिकारियों पर किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं की गई।
ऑपरेशन मैनेजर पर गंभीर आरोप…
108 पायलटों ने खुलासा किया है कि 12 अगस्त 2025 को गाड़ी नंबर CG 04 NS 8074 पर ऑपरेशन मैनेजर आकाश गौरव तिवारी ने एम्बुलेंस स्टाफ पर दबाव बनाकर फर्जी इवेंट दर्ज कराया। बताया गया कि मैनेजर ने अपने निजी उपयोग के लिए तेलदह गांव का फर्जी इवेंट लिया, जिसका नंबर 3432 और कॉलर नंबर 9522282130 दर्ज है। एम्बुलेंस उस समय तेलदह में ही खड़ी थी। 15:53 बजे फोन कर इवेंट बुक कराया गया और 15:54 पर उसे ‘कॉलर द्वारा मना किया गया’ बताकर बंद कर दिया गया। स्टाफ ने इवेंट रिपोर्ट में SNr दर्ज कर दिया। तेलदह से वैढ़न की वास्तविक दूरी 18-20 किलोमीटर है, लेकिन वापसी रीडिंग 30 किलोमीटर दर्ज कराई गई।
सात घंटे में 142 किलोमीटर की फर्जी रनिंग…
इसी इवेंट को 17:37 बजे बंद कर, 17:47 बजे देवसर का एक नया इवेंट (नंबर 7822, कॉलर नंबर 7991930704) बुक कराया गया। इस बार भी कॉलर ने फोन रिसीव नहीं किया और मरीज तक पहुँचने की दूरी 56 किलोमीटर दिखाई गई। गाड़ी लोकेशन पर रोक दी गई और अंततः 22:19 बजे बैढ़न पहुँची। इन दोनों इवेंट्स में न तो कोई मरीज मिला और न ही किसी को भर्ती कराया गया, लेकिन 7 घंटे 26 मिनट में 142 किलोमीटर फर्जी रनिंग दिखाकर एम्बुलेंस सेवा को प्रभावित किया गया।
मैपिंग के नाम पर वसूली….?
घोटालों की परत यहीं खत्म नहीं होती। आरोप है कि ऑपरेशन मैनेजर मैपिंग बदलने के नाम पर पायलटों और EMT से अवैध वसूली कर रहा है। उदाहरण के तौर पर बगैया जननी (गाड़ी नंबर CG 04 NT 2453) में कार्यरत पायलट युवराज बैस की मैपिंग निवास कर दी गई थी। बाद में उसे निवास से चितरंगी (गाड़ी नंबर CG 04 NW 2311) भेजने के लिए मैनेजर ने उससे 1000 रुपए की मांग की। यह सिर्फ एक मामला नहीं, बल्कि कई स्टाफों से मैपिंग बदलने के नाम पर पैसों की मांग किए जाने की शिकायतें सामने आई हैं।
एम्बुलेंस का निजी उपयोग…
मरीजों को जहां समय पर एम्बुलेंस की सुविधा नहीं मिल पा रही, वहीं आरोप यह भी है कि वाहन CG 04 NV 6567 का निजी उपयोग किया जा रहा है। यह मामला अब जांच का विषय बन चुका है और कर्मचारियों में भारी आक्रोश है।
सवालों के घेरे में कंपनी और सिस्टम…
108 एम्बुलेंस सेवा की आड़ में फर्जी रनिंग और अवैध वसूली का यह खेल स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ खिलवाड़ से कम नहीं है। सबसे बड़ी बात यह है कि जिन अधिकारियों पर आरोप लग रहे हैं, उन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही, जबकि निचले स्तर के स्टाफ को बलि का बकरा बनाया जा रहा है। जय अंबे इमरजेंसी सर्विस कंपनी इन आरोपों की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करेगी या नहीं?
क्या मरीजों को समय पर उपचार उपलब्ध कराने वाली इस जीवनरक्षक सेवा को भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दिया जाएगा? क्या सरकार और स्वास्थ्य विभाग इस गंभीर मामले में हस्तक्षेप कर जिम्मेदारों को सख्त सजा देंगे? फिलहाल, 108 एम्बुलेंस सेवा में फर्जीवाड़े और अवैध वसूली के इस खेल ने पूरे सिस्टम की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।