Singrauli News — मौत की बसों में सफर कर रहे मासूम! आइडियल पब्लिक स्कूल की घोर लापरवाही, ओवरलोड बसों से बच्चों की जिंदगी दांव पर — प्रशासन खामोश!
न सुरक्षा इंतज़ाम, न ट्रैफिक नियमों का पालन। सवाल उठता है

By सोनू विश्वकर्मा
सिंगरौली। जिला मुख्यालय के बरगवां क्षेत्र स्थित आइडियल पब्लिक स्कूल में लापरवाही का ऐसा खेल चल रहा है जिसने बच्चों की जान को जोखिम में डाल दिया है। स्कूल प्रबंधन की गैरजिम्मेदारी के चलते सैकड़ों मासूम रोज़ “मौत के साए” में सफर कर रहे हैं। निर्धारित क्षमता से दोगुने बच्चों को बसों में ठूंसकर ले जाया जा रहा है — न सुरक्षा इंतज़ाम, न ट्रैफिक नियमों का पालन। सवाल उठता है: क्या अब बच्चों की जान की कीमत सिर्फ स्कूल फीस रह गई है?
🚍 ओवरलोड बसों में मौत का सफर
अभिभावकों ने बताया कि रोज़ाना बसों में बच्चों को ठूस-ठूसकर भरा जाता है। कई बच्चे खड़े होकर सफर करने को मजबूर हैं। ऐसे में ज़रा सी चूक या अचानक ब्रेक लगने पर हादसे का खतरा हर पल मंडरा रहा है। आए दिन होने वाले सड़क हादसों के बीच यह लापरवाही किसी बड़ी त्रासदी को दावत दे रही है।
❌ प्रबंधन की चुप्पी, जिम्मेदारी से मुंह मोड़ा
सूत्रों के अनुसार, स्कूल संचालक प्रशांत सिंह ने इस गंभीर मामले पर अब तक कोई बयान नहीं दिया है। उनकी चुप्पी ने अभिभावकों का गुस्सा और चिंता दोनों बढ़ा दी है। क्या शिक्षा का मकसद अब सिर्फ मुनाफाखोरी रह गया है? बच्चों की सुरक्षा को लेकर इतनी बड़ी अनदेखी आखिर क्यों?
⚖️ प्रशासन की खामोशी पर सवाल
राज्य सरकार की स्पष्ट गाइडलाइन के बावजूद ज़मीनी स्तर पर हालात नहीं बदले हैं। जिला प्रशासन और परिवहन विभाग की चुप्पी इस पूरे मामले में मिलीभगत या लापरवाही का संकेत देती है। क्या स्कूल की ऊँची पहुंच के आगे प्रशासन भी बेबस है?
😡 अभिभावकों का गुस्सा फूटा
अभिभावकों ने चेतावनी दी है कि अगर बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की गई, तो वे सड़कों पर उतरकर बड़ा आंदोलन करेंगे। उनका कहना है कि किसी भी बच्चे के साथ अनहोनी की ज़िम्मेदारी स्कूल प्रबंधन और जिला प्रशासन दोनों की होगी।
❓ बड़ा सवाल – कब जागेगा प्रशासन?
यह मामला सिर्फ एक स्कूल की लापरवाही नहीं, बल्कि पूरे शिक्षा तंत्र और प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल खड़ा करता है। जब नियम-कानून स्पष्ट हैं, तो उनका पालन कौन कराएगा? बच्चों की सुरक्षा के नाम पर यह खतरनाक खेल कब तक जारी रहेगा?