
By कार्यालय
सिंगरौली / जिले के विंध्य नगर क्षेत्र में राखड़ परिवहन लगातार जनजीवन के लिए मुसीबत बनता जा रहा है। पहले से ही राखड़ के उड़ते गुबार और सड़क पर फैलते राखड़ ने स्थानीय जनता को परेशान कर रखा था, वहीं अब नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए हाईवा वाहनों की मनमानी और लापरवाही हादसों को जन्म दे रही है।
ताजा मामला एसडेएम राखड़ हाईवा से बलियारी मुख्य मार्ग होते हुए गनियारी व बिजपुर की ओर जा रही –
एक हाईवा गाड़ी का है, जिसका वाहन नंबर UP 64 BT 5690 है। यह गाड़ी राखड़ से लदी हुई थी और हिरवाह के पास बिजली के खंभे से जा टकराई। घटना के समय आवाज इतनी तेज थी कि आसपास के लोग दहशत में आ गए। गनीमत यह रही कि इस हादसे में किसी को कोई गंभीर चोट नहीं आई, लेकिन यह हादसा अपने पीछे कई सवाल छोड़ गया है। सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि यह हादसा उस तिराहे के पास हुआ, जहां एक स्कूल भी स्थित है। वहां रोजाना मासूम बच्चे पढ़ाई के लिए आते हैं।
जरा सोचिए अगर यह हादसा स्कूल समय के दौरान होता, तो स्थिति कितनी भयावह हो सकती थी-
स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने पहले भी कई बार प्रशासन को लिखित रूप से राखड़ परिवहन पर प्रतिबंध लगाने या उसे सुव्यवस्थित करने की मांग की थी, लेकिन जिम्मेदारों ने उन शिकायतों को नजरअंदाज कर दिया। जनता का आरोप है कि निजी स्वार्थ और उद्योगपतियों के दबाव में आकर शासन-प्रशासन ने आम जनता की समस्याओं को अनदेखा किया है। नतीजा यह है कि अब आमजन हर रोज दुर्घटना के खतरे के साए में जीने को मजबूर हैं।
प्रमुख मांगें जो उठाई जा रही हैं:
1. राखड़ वाहनों की गति पर नियंत्रण के लिए स्पीड गन का उपयोग किया जाए।
2. स्कूल और भीड़भाड़ वाले इलाकों में राखड़ ट्रकों के आने-जाने पर प्रतिबंध लगाया जाए।
3. राखड़ परिवहन के लिए वैकल्पिक मार्ग सुनिश्चित किया जाए।
4. सभी हाईवा वाहनों को ढक कर चलने के लिए बाध्य किया जाए, ताकि राखड़ उड़कर वायु प्रदूषण ना फैलाए।
यह हादसा शासन और प्रशासन के लिए एक चेतावनी है कि यदि समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले समय में इससे भी गंभीर हादसे सामने आ सकते हैं।
इन सभी घटनाओं को लेकर जब अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक से बात की गई तो उन्होंने साफ तौर से कहा कि आप लोग इन सभी मामलों को लेकर सीएसपी से जाकर बात करें आप लोगों का यह रिवाज नहीं है…?