शादी में बरातियों की एक हरकत से बिगड़ी बात सात दिन बाद दुल्हन की विदाई, जानिए कैसे हुई सुलह
मुस्लिम रीति रिवाज से विवाह कार्यक्रम चल रहा था। काजी की ओर से दूल्हा और दुल्हन को निकाह कबूल कराया जा रहा था। दोनों ही नए जोड़े ने निकाह कबूल किया

By जिला – कार्यालय
मुस्लिम रीति रिवाज से विवाह कार्यक्रम चल रहा था। काजी की ओर से दूल्हा और दुल्हन को निकाह कबूल कराया जा रहा था। दोनों ही नए जोड़े ने निकाह कबूल किया और फिर अचानक बरातियों की हरकत ने खुशी के इस पल को गुस्से में बदल दिया। नाराज पिता ने बेटी को बरात के साथ नहीं भेजा।
सप्ताह भर बाद परिवार परामर्श केंद्र में जब उन्हें बेटी के भविष्य की चिंता याद दिलाई
तब जाकर सप्ताह भर बाद पिता ने नाराजगी त्यागी और समधी को गले लगाकर बेटी को दूल्हे के साथ विदा कर दिया। दोनों परिवार क्वार्सी क्षेत्र के ही रहने वाले हैं। बीती 20 अप्रैल को शादी समारोह हुआ। धूमधाम के साथ बरात पहुंची। उनका स्वागत किया गया। दोनों ही पक्ष के लोग शादी को लेकर बहुत खुशी थे। बरातियों की खातिरदारी हुई। जलपान आदि कराया गया।
उसके बाद मुस्लिम रीति रिवाज से शादी कार्यक्रम आगे बढ़ाया गया-
दूल्हा और दुल्हन भी खुशी के साथ एक दूसरे से निकाह के लिए राजी थे और उन्होंने इसे कबूल कर दोनों ही परिवारों के चेहरे पर मुस्कान बढ़ा दी। अचानक बरातियों में कुछ ने ऐसी हरकत कर दी कि पहले नोकझोंक हुई और फिर मारपीट शुरू हो गई। बरातियों में कुछ ने दुल्हन के पिता व उनके परिवार से भी अभद्रता कर दी। इससे आहत पिता का गुस्सा भी बढ़ गया और उन्होंने बरात लौट जाने की बात कहकर कार्यक्रम को वहीं विराम दे दिया। दुल्हन के बिना बरात लौट गई। उसके बाद लड़के पक्ष से कई बार दुल्हन को ससुराल भेजने के लिए संपर्क किया गया, लेकिन पिता ने अपनी नाराजगी खत्म नहीं की।
थाना पहुंचा मामला
मामला थाने पहुंच गया और वहां से शिकायत एसएसपी तक पहुंची। परिवार परामर्श केंद्र में मामला आया तो दोनों ही पक्षों को समझाया गया। दो बार की काउंसलिंग के बाद बेटी के पिता मान गए और तीसरी बार दुल्हन को विदा करके टोरों समधी फिर परामर्श केंद्र पहुंचे और गले मिलकर शा खुशी पूरी की।